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N.V. न्यूज़ बिलासपुर : राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना में लापरवाही करने वाले नगर पालिका परिषद रतनपुर और नगर पंचायत मल्हार के सीएमओ को नोटिस जारी किया गया है। साथी काम में रुचि नहीं दिखाने पर स्पष्टीकरण मांगा है। आरोप है कि दोनों जगह के सीएमओ गोबर खरीदने में ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके कारण हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गोबर खरीदने के मामले में नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत काफी पीछे है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालक ने जारी नोटिस में कहा है कि नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में बने गौठानों में एक महीने में कम से कम तीन हजार किलो ग्राम से अधिक की गोबर खरीदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही गोबर से बनने वाले गौकाष्ट समेत दीया, रंग समेत अन्य सामग्रियों का महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से निर्माण करने की जिम्मेदारी तय की गई है।
राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना होने के बाद भी गोबर खरीदी के तय लक्ष्य से बहुत ज्यादा पिछड़ गया है। अधिकारी गोबर की बेचने के लिए हितग्राहियों को प्रेरित भी नहीं कर रहे हैं और ना ही योजना का प्रचार प्रसार करने में न कोई प्रयास कर रहे हैं। संचालक ने दोनों सीएमओ को शोकॉज नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब देने कहा है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है।
रतनपुरा व मल्हार क्षेत्र में रहने वाले लोगों को योजना के बारे में किसी प्रकार की सही जानकारी नहीं है यहां तक कि राज्य शासन ने गोबर बेचने और खरीदने के लिए कई सारी नियम और शर्तें लागू की है लेकिन नियम के बारे में लोगों को पता भी नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी भी प्रचार प्रसार के लिए प्रयास नहीं करते हैं। इसके कारण योजना सफल होते नजर नहीं आ रही है।
गौठानों में गोबर खरीदी के लिए राज्य शासन ने दो रुपये किलो के हिसाब से दर तय की है। गौठानों में गोबर खरीदने वाले नगरीय निकायों के अधिकारियों ने नियम और शर्ते भी तय कर दी हैं।
गोबर से पेंट का निर्माण
राज्य सरकार ने सरकारी भवनों में लगने वाले रंग-रोगन के लिए गोबर से बने पेंट का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए जिले के कई कारखानों में उपकरण स्थापित किया गया है, जिससे गोबर से पेंट का निर्माण किया जा रहा है। इससे स्व सहायता समूह के महिलाओं व स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। लेकिन रतनपुर व मल्हार मैं संयंत्र स्थापित नहीं किया गया है और न ही अफसरों द्वारा किसी प्रकार के प्रयास कर रहे हैं। इससे यहां गोबर का उपयोग भी नहीं हो रहा है।