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N.V. News मुंगेली : – सबसे बड़ा दान अर्थ दान गोदाम और सुल्तान स्वर्ण दान को माना जाता है लेकिन उससे बड़ा भी एक और दान है जिसे शरीर दान कहा जाता है अन्य दान से भौतिक सुख समृद्धि प्राप्त या प्रदान किया जा सकता है लेकिन शरीर दान से हजारों और लाखों लोगों की जान बचाने में सहयोग कर सकता है जिला मुंगेली के रहने वाले रामकिंकर परिहार ने अपने पिता के दशगात्र कार्यक्रम के अवसर पर अपने शरीर को मेडिकल कॉलेज को अनुसंधान के लिए कर दिया इसके अलावा 11000 रूपए का चेक और प्रयास स्माल स्टेप फाउंडेशन को जम्मू ऑक्सीजन सिलेंडर दीया
अंग दान करने से लोगों को मिलेगा नया जीवन
रामकिंकर परिहार ने कहा, आज बाबु जी को स्वर्गवासी हुए तेरह दिन हो गये,बारह दिनों तक रायपुर के कुशल चिकित्सक बाबु जी को बचानें का बहुत प्रयास किये पर अंत में हार गये। आज भी चिकित्सा विज्ञान शरीर को समझ नहीं पाया,इसके लिए मृत देह की जरुरत होती है, मुझे लगा की अगर मैं अपना शरीर दान कर दुं तो हजारो अकाल मृत्यु प्राप्त करनें वालों को एक नया जीवन मिल सकता है।
घर परिवार अपनों की चिंता तो सब करते है पर मेरे बाबुजी गैरों के लिए भी बेहद चिंतित रहते थे।
साइंस का शोध हमेशा काम आयेगा
रामकिंकर परिहार ने आगे कहा, आज मैंनें अपना शरीर चिकित्सकीय शोध के लिए मेडिकल कालेज को दान करना सुनिश्चित किया।मेरे शरीर पर मेडिकल सांइस का किया गया शोध हमेशा मानवता के काम आयेगा।
आज से ये शरीर मेरा नही रहा ये धरोहर है उन हजारों लाखों लोगों के लिए जो चिकित्सा के अभाव में असमय मृत्यु को प्राप्त कर जाते है।
तेरा तुझको सौंप दु का लागत है मोर, मेरा मुझमें कुछ नही जो कुछ है सब तोर
क्षत्रिय समाज को 11,000 का चेक समर्पित
अपनें बाबुजी के दशगात्र में एक जम्बो आक्सीजन सिलेंडर सर्व समाज के लिए प्रयास अ स्माल स्टेप फाउंडेशन को दान किया साथ ही क्षत्रिय समाज के वे गरीब जो अपने परिजन की मृत्यु होनें पर आर्थिक तंगी के कारण मृतक के कर्म करनें में असमर्थ हो उनके लिए 11,000 रूपये का चेक क्षत्रिय समाज को सर्मपित किया।