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N.V.News मुंगेली: ऐसा क्या है कि जुआ, सट्टा खाईवालों को पकड़ने थर-थर कांप रही मुंगेली कोतवाली पुलिस, पूरा ध्यान तो सट्टा जुआ के सप्ताहांत मोटी तगड़ी कमीशन पर रहता है शायद यही वजह है कि जिले में जुआ, सत्ता व दारू का अवैध कारोबार धरलल्ले से बिना किसी डर से चल रहा है।
आईजी ने जब मुंगेली आगमन किया था तो उस समय उनके द्वारा मुंगेली में अपराध पर नकेल कसने गाइडलाइन दी गई। जुआ सट्टा के कारोबार पर भी उनकी टेढ़ी नजर तो था ही साथ ही आरक्षकों के लिबास पर बराबर नजर थी, यहाँ जुआ सट्टा के कारोबार अपने चरम सीमा में है। परन्तु आईजी के दौरे व उनके आदेशो से सटोरिये व पुलिस प्रशासन को कोई फर्क नही पड़ा है और अब भी उनके आदेशो का अवमानना किया जा रहा है एक तरफ आईजी को सलामी दी जा रहे थे
वही दूसरी ओर सट्टे लिखने कागज के भरने के बाद भी सप्लिमेंटी लेकर ओपन जोड़ी चुकारा कर रहे थे। साथ ही मुंगेली के तासिर में अराजकता अनियमितता रग रग में फैल गई है जिसके परिणामस्वरूप जुआ सट्टा के पुराने खिलाड़ी अब खाईवाल बन गए है। नगर में अब सट्टा जुआ खेलाने वाले व्यक्ति किसी आपराधिक लोगो, नेता जनप्रतिनिधियों, दबंग लोगो को सामने रखकर खिलाने का परम्परा चल रहा है जिसके संरक्षण के नाम पर प्रतिदिन 2000-2500 देता है। वो दिन दूर नहीं जब हर सटोरियों का 4-4 बॉडीगार्ड के दम पर सट्टा का खुला कारोबार करेगा।
शुरू से ही कोतवाली पुलिस ने जुआ सट्टा के मामले में पुलिस की भूमिका बेहद संदिग्ध नजर आ रहा है। यहाँ कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गया है। जिसका अंदाजा इस बात पे लगा सकते है कि जुआड़ियों सटोरियों को भी कभी भयभीत नहीं करता, वर्दी की धौंस तो गरीब, निःसहाय लोगों के लिए है। इस तरह बेखौफ सट्टा जुआ खेला रहे और एजेंट भी कान में पेन खोचे बेबाकी से खुलेआम रोड किनारे सट्टा लिखना मतलब पुलिस से गहरे संबंध की तरफ इशारा कर रहे जो बखूबी आम आदमी को भी समझने में देर नहीं लगती। वही गुप्त व्यक्ति नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों ने बताया है कि मुंगेली में सक्रिय जुआ और सट्टा खिलाने वालों का सीधा संपर्क पुलिस के आला अधिकारियों से है, नतीजतन निचले स्तर के अफसरों और पुलिसकर्मियों को चलता कर दिया जाता है लेकिन बड़े अधिकारियों के दबाव में वे न तो कोई कार्यवाही कर सकते हैं और ना ही उनके हाथ कुछ लग रहा है। अगर खानापूर्ति की बात बेबुनियाद है तो ऐसे में यह सोचना भी हास्यास्पद है कि पुलिस के पास मजबूत सूचना तंत्र के बावजूद पुलिस इससे ना वाकिफ होगी?
ये बात गले नहीं उत्तर रही और निःसन्देह आमजनता को भुसभुस जना ही जाता है। बताने जताने की आवश्यकता नहीं, वैसे यहां आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से सट्टा खेलने की वजह से प्रतिदिन लाखों का सट्टा पट्टी प्रत्येक नगर चौक चौराहे गली मोहल्ले में खुलेआम चल रहा है सट्टे के एजेंट ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि अमूमन रोज मुंगेली में 20-30 लाख को सट्टे खेला जाता है लेकिन साप्ताहिक बाजार शुक्रवार को ये आंकड़ा दो गुने हो जाते है। आगे बताया कि हमे सट्टा पट्टी लिखने 800-1000 रू रोजी दिया जाता है। यह कहने में कोई कोताही नहीं होगी कि मुंगेली जिला जुआ, सट्टा, दारू के अवैध कारोबार का अड्डा बन गया है।
अवैध कारोबार के आड़ मुंगेली जिले में अपराध में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है जिसे रोकने में मुंगेली पुलिस की निरंतर असमर्थ साबित हो चुकी है मुंगेली जिले के बच्चों, युवाओं को यह अवैध कारोबार अपराध की ओर खींच रहा है जो समाज के लिए आने वाले भविष्य में एक लाइलाज बीमारी साबित ना हो।