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N.V. न्यूज़ मुंगेली – बता दें कि मुंगेली जिले सहायक पंजीयक कार्यालय जहां सभी सहकारी समितियों का पंजीयक किया जाता है जहां धान खरीदी व कर्मचारियों के नियुक्ति से सम्बंधित सम्पूर्ण दस्तावेज का अनुमोदन व अन्य सभी रिकॉर्ड संधारित रहते हैं लेकिन जब यहां समितिवार धान शॉर्टेज की जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत चाही जाती है तब विभाग टालमटोल करते हुए जानकारी विपडन से लेवे या आवेदन धारा 6, 3 के तहत आवेदन हस्थानंतरित विपडन कार्यालय को कर दिया जाता है,
जबकि अन्य जिलों से जैसे कि बिलासपुर उप पंजीयक कार्यालय से धान शॉर्टेज की जानकारी हेतु आरटीआई के तहत आवेदन दिया गया तब तत्काल 30 दिवस के भितर जानकारी उपलब्ध करा दी गई,
बता दें कि मुंगेली जिले के निवासी संदीप सिंह ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं कार्यालय में समितिवार धान शॉर्टेज की जानकारी चाही गई थी लेकिन विभाग द्वारा जानकारी न देते हुए आवेदन विपडन कार्यालय की ओर प्रेषित किया गया जबकि विपडन कार्यालय से पंजीयक कार्यालय को यह जवाब आया कि यहां आरटीआई लागू नहीं है,
जबकि बिलासपुर जिले के सहकारिता विभाग में जानकारी क्यू दी जाती हैं, सूत्रों की माने तो भारी संख्या में धान खरीदी में अनियमितता व घोटाले बरतने की जानकारी मिली थी लेकिन कही पोल खुल न जाये इसलिए विभाग द्वारा जानकारी नही दी गई, इससे भ्रष्टाचार की बू स्पष्ट रूप से प्रतीत होती हैं।