मुंगेली ब्रेकिंग, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की आदेश की उड़ रही धज्जियां,जाने क्या है पूरा मामला

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N.V. न्यूज़ मुंगेली : मुंगेली जिले से धान खरीदी को लेकर बड़ी खबर मुंगेली ग्राम लालाकापा समिति जिसमें ऑपरेटर और प्रबंधक धान खरीदी और टोकन को लेकर 31 तारीख के बाद बंद कर दिया गया है जिससे किसानों को भटकना पड़ रहा है आखिर धान खरीदी को लेकर सरकार द्वारा चार दिन और बढ़ाने का क्या मतलब हुआ जब धान खरीदी 31 तारीख तक ही खरीदनी थी| 

मुख्यमंत्री के आदेश की उड़ रही धज्जियां

मुख्यमंत्री द्वारा किसानों के लिए धान खरीदी में 4 दिन का समय बढ़ाया गया था लेकिन जमीनी  स्तर पर यह सिर्फ एक दिखावा है शनिवार और रविवार को भी प्रशासनिक रूप से सरकार द्वारा आदेश दिया गया था कि किसानों के लिए धान खरीदी केंद्र खुली रहेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ मुख्यमंत्री के आदेश की कोई पालन नहीं हुई यह सिर्फ एक प्रकार का षड्यंत्र था जो किसानों के लिए एक आईना था|

जिस हिसाब से धान खरीदी होना चाहिए था नहीं हो रहा है पारदर्शिता की कोई व्यवस्था नहीं है पहले से ही बिना टोकन कर पर्चियां को फुल किया जा रहा है और मौन बैठे तमाशा देख रहे हैं अधिकारी एवं शासन प्रशासन

देखने वाली बात होगी कि अधिकारी कुछ कार्रवाई करते हैं या कुर्सी तोड़ते हुए बैठे रहेंगे, आदेश में स्पष्ट  था कि शनिवार और रविवार को धान खरीदी की जाएगी लेकिन यहां तो सन्नाटा परसा हुआ है इससे स्पष्ट होता है कि टोकन नहीं काटा गया है जिससे कई किसान भटक रहे हैं

खरीदी प्रभारी के ऊपर मेहरबान अधिकारी

लालकापा शाखा प्रबंधक अपनी मनमानी से कार्य कर रहे हैं पूछने पर सही जवाब भी नहीं दिया जाता, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी 31 तारीख के बाद से बंद है और रही बात धान खरीदी तो शनिवार और रविवार को धान का टोकन भी नहीं काटा जा रहा है, लेकिन क्या 1feb और 2feb को टोकन नहीं काटा जा सकता था|

शाखा प्रबंधक के ऊपर लाखों रुपए का बारदाना गवन करने का मामला है उसके बाद भी अधिकारी उसे प्रभारी नियुक्ति कर चार्ज दिए हैं इससे स्पष्ट होता है कि सरकार को चूना लगाने में कोई कसर बाकी नहीं रहा है विभागीय अधिकारियों की मेहरबानियां से गोरख धंधा आसानी से फल फूल रहा है और आम किसानों को इससे नुकसान हो रहा है जिसका खामियाजा सिर्फ और सिर्फ किसानो को भुगतना पड़ता है|

कर्मचारी मना रहे थे छुट्टी,

धान खरीदी के आदेश के बाद भी लापरवाही स्पष्ट नजर आ रही है धान खरीदी केंद्र में नहीं था कोई स्टाफ हेमाल के भरोसे ही धान खरीदी केंद्र को छोड़ दिया गया था, किसानों द्वारा फोन करने पर कॉल रिसीव नहीं किया गया और ना ही खरीदी केंद्र पर उपस्थित रहे|

 

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