“Money Loundering Case”:चैतन्य बघेल पर ईडी का शिकंजा,पढ़ें पूरी खबर…NV News

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Raipur: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 3200 करोड़ के शराब घोटाले और मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। विशेष अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान उनकी कस्टोडियल रिमांड पांच दिन और बढ़ाने का आदेश दिया है। अब 23 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) चैतन्य से नए साक्ष्यों के आधार पर पूछताछ करेगी।
कोर्ट में पेशी और बहस:
चैतन्य बघेल की पिछली न्यायिक रिमांड पूरी होने पर उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया। ईडी की ओर से दलील दी गई कि जांच के दौरान नए दस्तावेज और अहम तथ्य सामने आए हैं, जिन्हें लेकर पूछताछ जरूरी है। दूसरी ओर बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दर्ज हुई है, जिसमें केवल प्रारंभिक न्यायिक रिमांड तक ही कस्टडी संभव है। हालांकि, ईडी ने पंजाब और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए अपनी मांग को सही ठहराया। लंबी बहस के बाद अदालत ने ईडी का पक्ष स्वीकार कर लिया।
ईडी का दावा,16.70 करोड़ की रकम:
ईडी के अनुसार, घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये मिले हैं। एजेंसी का कहना है कि इस रकम को सफेद दिखाने के लिए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया गया। जांच में सामने आया कि बघेल डेवलपर्स के “विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट” में भी घोटाले की रकम लगाई गई। ईडी ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े अकाउंटेंट और अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर डिजिटल डिवाइस और कई दस्तावेज जब्त किए हैं।
ब्लैक मनी से रियल एस्टेट तक:
जांच एजेंसी का अनुमान है कि शराब घोटाले से निकली ब्लैक मनी को फर्जी निवेश और सिंडिकेट के जरिए करीब 1000 करोड़ रुपये तक घुमाया गया। एजेंसी का कहना है कि यह पैसा कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स और निवेश योजनाओं में लगाया गया, ताकि अवैध धन को वैध दिखाया जा सके।
परिवार की मौजूदगी:
सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अदालत पहुंचे और बेटे से मुलाकात की। इस हाई-प्रोफाइल केस पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हैं। ईडी की टीम अब 23 अगस्त तक चैतन्य बघेल से लगातार पूछताछ करेगी और संभावना है कि आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।