Lok Sabha Election: एंटी इंकंबेंसी से बचने के लिए बृजमोहन पर दांव, कांग्रेस महिला मतदाताओ पर कर रही फोकस..NV न्यूज

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NV News रायपुर। Raipur Lok Sabha Election 2024: रायपुर की लोकसभा का अपना एक अलग ही इतिहास है। यहां पिछले 28 वर्षों से भाजपा का कब्जा है, फिर चाहे विधानसभा चुनावों के नतीजे कुछ भी हों, लेकिन लोकसभा चुनाव का नतीजा भाजपा के ही पक्ष में जाता हुआ दिखई देता है। इसी बीच राजनीतिक पंडितों के अनुसार रायपुर से भाजपा की ओर से बृजमोहन को टिकट दिया जाना, एंटी इंकंबेंसी से बचने के लिए बताया जा रहा है। क्योंकि पिछले 28 वर्षों में रायपुर के संसदीय क्षेत्र में विस्तार और विकास तो बहुत हुआ, लेकिन एक समय के बाद जनता का मूड न बदल जाए, इसे देखते हुए बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि कांग्रेस की झोली में तो रायपुर की सीट सपना जैसी ही है। क्योंकि यहां से विद्याचरण शुक्ल ही 1991 में आखिरी बार चुनाव जीतकर आए थे।

 

आधी आबादी पर अपना पूरा फोकस

Raipur Lok Sabha Election ऐसे में इस बार कांग्रेस ने रायपुर की आधी आबादी पर अपना पूरा फोकस कर दिया है और महालक्ष्मी नारी न्याय गारंटी योजना के तहत फार्म भरवा कर कुल मतदाताओं में आधी आबादी यानी महिलाओं पर फोकस किया है, क्योंकि रायपुर में आधे से अधिक मतदाता महिला हैं। वहीं, इसके तहत सरकार बनने पर एक लाख रुपये सालाना दिए जाने का दावा कांग्रेस की ओर से किया जा रहा है।

 

 

युवा फैक्टर के लिए विकास Raipur Lok Sabha Election

कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए गए विकास उपाध्याय एक युवा चेहरा हैं। जिन्होंने छात्र राजनीति से अपने करिअर की शुरूआत की थी और एक बार विधायक चुने जाने के साथ ही संसदीय सचिव सहित कई अन्य भूमिका भी निभा चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व में भी उन्हें जगह दी गई है। ऐसे में युवाओं को साधने के लिए विकास के चेहरे का उपयोग कांग्रेस की ओर से किया जा रहा है।

 

आठ बार के विधायक और बहुपरिचित चेहरा बृजमोहन

भाजपा से प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल पिछले आठ से रायपुर के दक्षिण विधानसभा से चुनाव जीतते हुए आ रहे हैं। यह एक ऐसा किला है, जिसे अब तक कांग्रेस भेद नहीं पाई है। इसकी वजह से एंटी इंकंबेंसी से बचने के लिए बृजमोहन को मैदान में उतारा गया है। साथ ही उनकी छवि और लोगों के बीच पकड़ के साथ बूथ मैनेजमेंट की एप्रोच काे देखकर भी बृजमोहन पर दांव खेला गया है।

 

निवर्तमान सांसद की सक्रियता पर भी सवाल

कांग्रेस की ओर से निवर्तमान सांसद की सक्रियता पर भी सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। फिर वो चाहे कोविड काल हो या फिर शेष पूरा कार्यकाल। संसद में क्षेत्रीय मुद्दों काे उठाने से लेकर यहां के लोगों को केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं दिलवाने के आरोप भी लगते हैं। लेकिन दूसरी ओर भाजपा कांग्रेस सरकार होने के कारण केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन नहीं होने का निरंतर आरोप लगाती आ रही है। इन सभी रायपुर का चुनाव भी रोचक होता दिखाई दे रहा है।

 

फैक्ट फाइल

23,63,691 कुल मतदाता

 

11,82,251 महिला मतदाता

 

11,81,135 पुरुष मतदाता

 

305 तृतीय लिंग मतदाता

 

50,483 प्रथम बार के वोटर

 

 

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