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देश के गुजरात राज्य में शराबबंदी लागू है, गुजरात राज्य में शराब ब्रिकी करना गैरकानूनी घोषित है फिर भी राज्य में कानून को दरकिनार करते हुए कानून को ठेंगा दिखाते हुए प्रशासन के नाक के नीचे शराब की ब्रिकी की जा रही है। गुजरात के बोटाद जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है. जबकि 70 से ज्यादा लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है. 26 जुलाई की देर शाम तक जहरीली शराब से कुल 28 लोगों की मौत हुई थी.
पुलिस ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. एफआईआर में 24 लोगों के नाम हैं. इनमें से पुलिस ने मामले से जुड़े 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, गांव के लोगों ने सीधे तौर पर केमिकल में पानी मिलाकर पी लिया. एफएसएल रिपोर्ट में भी इसका खुलासा हुआ है. गांव के लोगों ने कथित तौर पर जो शराब पी थी, उसमें 98% से ज्यादा मिथाइल मिला है.
इस मामले में पुलिस ने बड़ा दावा किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने शराब नहीं, बल्कि शराब के नाम पर लोगों को सीधा केमिकल के पाउच बनाकर बेचा था. पुलिस ने बताया कि ये पूरी साजिश तीन लेयर में रची गई. पुलिस के मुताबिक, ईमोस कंपनी मिथाइल के बिजनेस से जुड़ी है. ईमोस कंपनी के गोदाम मैनेजर जयेश उर्फ राजू की संदिग्ध भूमिका बताई जा रही है. राजू को पुलिस ने अहमदाबाद से हिरासत में लिया है. राजू ने केमिकल को गोदाम से निकाला था. केमिकल पीने से मरने वाले लोगों में बोटाद के पड़ोसी जिले अहमदाबाद के लोग भी शामिल हैं.
पुलिस ने बताया कि जयेश ने अपने रिश्तेदार संजय को 60 हजार रुपए में 200 लीटर मिथाइल दिया. इसके बाद संजय, पिंटू और बाकी लोगों ने इस केमिकल से शराब न बनाकर सीधा केमिकल के पाउच ही शराब के नाम पर लोगों को दे दिए. यही केमिकल पीने से लोगों की मौत हो गई. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लोगों ने 20-20 रुपये में शराब का छोटा प्लास्टिक का पैकेट (जिसे पोटली भी कहा जाता है) खरीदा था. गुजरात में अवैध शराब को इसी तरह की पोटली में बेची जाती है.
इस बीच गुजरात के गृह विभाग ने घटना की विस्तृत जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है. सीनियर आईपीएस अधिकारी सुभाष त्रिवेदी की अध्यक्षता में गठित ये तीन सदस्यीय कमेटी तीन दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इस कमेटी में दो अन्य सदस्य मद्य निषेध एवं उत्पाद शुल्क निदेशक एम.ए. गांधी और गुजरात फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक एचपी सांघवी हैं।