ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिंदी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन, साहित्य जगत में शोक

Share this

रायपुर। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित छत्तीसगढ़ के प्रख्यात हिंदी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का आज निधन हो गया। उन्होंने रायपुर एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। उनके निधन से हिंदी साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

मिली जानकारी के अनुसार, विनोद कुमार शुक्ल को सांस लेने में तकलीफ के चलते 2 दिसंबर को रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया था। बीते 22 दिनों से उनका इलाज चल रहा था और उन्हें वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। तमाम प्रयासों के बावजूद आज उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था। उन्होंने अध्यापन को पेशे के रूप में अपनाया, लेकिन उनका पूरा जीवन साहित्य सृजन को समर्पित रहा। सादगी, संवेदनशीलता और विशिष्ट शैली उनकी लेखनी की पहचान रही।

हिंदी साहित्य में उनके अतुलनीय योगदान को देखते हुए वर्ष 2024 में उन्हें 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे हिंदी भाषा के 12वें साहित्यकार थे जिन्हें यह सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान प्राप्त हुआ।

उनके निधन को हिंदी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति माना जा रहा है। साहित्यप्रेमी, लेखक और पाठक उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

Share this