भ्रष्टाचार अवधारणा सूचकांक में भारत 85वें स्थान पर : ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल

Sajja Murli Chaudhary, 45, an employee of telecom operator systems takes part in a silent protest against the telecom corruption scandal in New Delhi December 9, 2010. Officials of the Central Bureau Investigation (CBI) found what they said were "incriminating documents" in raids on homes and offices of a former telecoms minister on Wednesday in connection with the country's biggest corruption scandal. REUTERS/Parivartan Sharma (INDIA - Tags: CIVIL UNREST CRIME LAW POLITICS BUSINESS IMAGES OF THE DAY)
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भ्रष्टाचार अवधारणा सूचकांक (सीपीआई) 2021 में 180 देशों की सूची में भारत को 85वां स्थान मिला है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार पिछली बार के मुकाबले भारत की रैंकिंग में एक स्थान का सुधार हुआ है हालांकि रिपोर्ट में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत का मामला विशेष रूप से चिंताजनक है. जबकि पिछले एक दशक में देश का सूचकांक स्थिर रहा है. कुछ तंत्र जो भ्रष्टाचार में शासन करने में मदद कर सकते हैं, कमजोर हो रहे हैं. देश की लोकतांत्रिक स्थिति पर चिंताएं हैं, क्योंकि मौलिक स्वतंत्रता और संस्थागत नियंत्रण और संतुलन बिगड़ रहे हैं.’
विशेषज्ञों और व्यवसायियों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के कथित स्तरों के आधार पर 180 देशों और क्षेत्रों की रैंकिंग की सूची तैयार की जाती है। यह रैंकिंग 0 से 100 अंकों के पैमाने का उपयोग कर तय की जाती है। शून्य अंक प्राप्त करने वाला देश सर्वाधिक भ्रष्ट होता है जबकि 100 अंक प्राप्त करने वाले देश को भ्रष्टाचार की दृष्टि से बेहद स्वच्छ माना जाता है।
भारत को इस सूची में 40 अंकों के साथ 85वां स्थान मिला है। चीन (45), इंडोनेशिया (38), पाकिस्तान (28) और बांग्लादेश (26) अंकों के साथ इस सूची में विभिन्न स्थानों पर हैं। पाकिस्तान को इस सूची में 140वां स्थान दिया गया है।
डेनमार्क, फिनलैंड, न्यूजीलैंड और नॉर्वे ने इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है।