कुत्ते नोच रहे मानव, आसपास फैली रहती है दुर्गंध, मेडिकल कॉलेज में मेडिकल वेस्टेज का नहीं हो रहा उठाव

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NV News:-   मेडिकल कॉलेज के द्वारा अधिग्रहित किए गए कोरबा के सरकारी जिला अस्पताल की दूसरी व्यवस्था भले ही ठीक हो जाएंगे लेकिन साफ सफाई के मामले में पुराना ढर्रा बना हुआ है। मरीजों के उपचार के बाद यहां से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट पीछे के हिस्से में फेंक दिया जा रहा है।

इसे हटाने के मामले में अनुबंधित ठेका एजेंसी लापरवाही का परिचय दे रही है।

जिला अस्पताल कोरबा के अलग-अलग सेक्शन में प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीजों की चिकित्सा के जाते हैं। इस प्रक्रिया में कॉटन बैंडेज लेकर सिरिंज, हैंड ग्लव्स, और तमाम तरह का कचरा निकलता है जिसे तकनीकी भाषा में मेडिकल वेस्ट कहा जाता है। सुरक्षा के मद्देनजर इसे पूरी गंभीरता से लेने के साथ डिस्पोज करने की व्यवस्था बनाई गई है जिला अस्पताल प्रबंधन ने इस काम के लिए बिलासपुर के इनवायरो केयर को ठेका दिया हुआ है। इसके बावजूद जिला अस्पताल के पीछे अजीब स्थिति बनी हुई है। नजारा यह होता है कि अपशिष्ट डंप करने पर यहां जानवर मुंह मारते नजर आते हैं। इस इलाके में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि इससे भी में काफी दिक्कतें होती हैं और माहौल बेहद असामान्य होता है।

इस मसले को लेकर शासकीय अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ रविकांत जाटवर ने बताया कि आर्थिक कारणों से समस्याएं आ रही थी। हमने इनवायरों केयर को भुगतान कर दिया है और उसे अतिरिक्त साधन लगाकर पूरा मेडिकल वेस्ट हटाने हो कहां है।

बाईट। डॉ. रविकांत जाटवर, उप चिकित्सा अधीक्षक

अनुबंध के आधार पर चिकित्सा विभाग में जिस संस्था को यहां पर हर हाल में साफ सफाई बनाए रखने की जिम्मेदारी दी हुई है , उसके द्वारा लापरवाही का प्रदर्शन करना समझ से परे हैं। सवाल खड़ा होता है कि क्या पूरे इलाके में मेडिकल वेस्ट का प्रबंधन करने के लिए सीमित एजेंसी ही मौजूद हैं। अगर इनवायरों केयर कामकाज को लेकर परेशानी पैदा कर रही है तो अस्पताल प्रबंधन दूसरे को जिम्मा क्यों नहीं दे रहा है।

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