सूरजपुर में अस्पताल बंद, कार में करानी पड़ी डिलीवरी—स्टाफ पर कार्रवाई, ग्रामीणों में आक्रोश
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छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। ओड़गी ब्लॉक के लांजीत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गेट पर ताला लटका हुआ था और कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं था। मजबूरन परिजनों को कार के अंदर ही डिलीवरी करानी पड़ी। इस मामले में संबंधित स्टाफ के खिलाफ कारण बताओ नोटिस (शोकॉज नोटिस) जारी किया गया है।
अस्पताल के बाहर तड़पती रही महिला
जानकारी के अनुसार, 30 नवंबर की रात महिला को अचानक लेबर पेन शुरू हुआ। परिजन उसे बाइक से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाए, लेकिन वहां ताला लगा मिला। करीब 1 घंटे तक परिजन अस्पताल खुलने का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई भी कर्मचारी नहीं आया।

इसके बाद परिजनों ने ओड़गी अस्पताल ले जाने के लिए परिचित की कार मंगवाई। रास्ते में महिला की हालत बिगड़ने लगी और कार के अंदर ही उसने बच्चे को जन्म दिया।
स्थानीय महिलाओं ने दिखाया साहस
कार में प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला को देख मौके पर मौजूद ग्रामीण महिलाओं ने हिम्मत दिखाई और कार के अंदर ही सुरक्षित प्रसव कराया। लगभग 30 मिनट की कोशिश के बाद बच्चे का जन्म हुआ।
इसके बाद ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए लगभग दो घंटे बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया। जच्चा और बच्चा दोनों को भर्ती किया गया। डॉक्टरों के अनुसार दोनों की स्थिति अब सामान्य है।

ग्रामीण बोले—पहली बार नहीं है ऐसा
स्थानीय लोगों का कहना है कि केंद्र पर ताला लगे होने की यह पहली घटना नहीं है। स्टाफ की अनुपस्थिति की वजह से ग्रामीण अक्सर परेशान रहते हैं। अब ग्रामीणों ने कड़ी कार्रवाई और 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।
CMHO ने माना—मानव संसाधन की कमी
CMHO डॉ. के.डी. पैकरा ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा—
“स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगा होना लापरवाही है। दूरस्थ क्षेत्रों में 24 घंटे अस्पताल खुला रखना चुनौती है, क्योंकि हमारे पास मानव संसाधन की कमी है।”
उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है और संबंधित कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है।
