“Highway upgrade mission”: सड़कें होंगी स्मूथ ,सरकार का बड़ा ऐलान…NV News 

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NV News: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेशवासियों को दिवाली से पहले बड़ी सौगात दी है। बरसात के बाद जर्जर हो चुकी सड़कों से राहत देने के लिए लोक निर्माण विभाग ने राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत और रखरखाव पर 3,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की योजना लागू की है। इसके लिए नौ बड़े टेंडर जारी किए गए हैं। इन कार्यों के पूरे होने के बाद न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि सफर अधिक सुरक्षित और सुगम भी बनेगा।

बरसात ने बिगाड़ा हाल:

मानसून ने सड़कों की स्थिति बेहद खराब कर दी। जिन रास्तों पर सामान्यत,छह घंटे में सफर पूरा हो जाता था, वहां गड्ढों और खराब सड़कों की वजह से 8 घंटे तक लगने लगे। भारी वाहन अक्सर फंस जाते थे और छोटी गाड़ियों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं बढ़ गईं। लोगों की रोजमर्रा की यात्रा किसी चुनौती से कम नहीं रही।

सरकार का बड़ा कदम:

इन समस्याओं को खत्म करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव और मरम्मत के लिए नौ टेंडर जारी किए हैं। निविदा प्रक्रिया 5 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी और उसके बाद तुरंत काम शुरू होगा।

कौन-कौन से मार्ग होंगे दुरुस्त?:

• कटगी–गुमला रोड (NH-43) : 32 किमी, ₹484.59 लाख

NH-63 (कांकेर, नारायणपुर, बस्तर) : ₹1,200 करोड़ से अधिक

भोपालपट्टनम–जगदलपुर (NH-63) : 100 किमी, ₹531.26 करोड़

जगदलपुर–सुकमा–कोंटा (NH-30) : 38 किमी, ₹361 करोड़

रतनपुर–केन्दा–केवंची (NH-45) : 5.5 किमी, ₹455.55 लाख

ढेका–बनारी (NH-49) : 33.18 किमी, ₹224.51 लाख

लोगों को क्या मिलेगा फायदा?:

मरम्मत कार्य पूरे होने के बाद गड्ढों से निजात मिलेगी। भारी वाहनों के फंसने और दुर्घटनाओं की संभावना घटेगी। सबसे बड़ा फायदा यात्रा समय में कमी होगा। जगदलपुर-सुकमा और भोपालपट्टनम-जगदलपुर जैसे प्रमुख मार्गों के सुधरने से आवागमन तेज और सुरक्षित होगा।

व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बूस्ट:

सड़कें बेहतर होने से बस्तर, सुकमा, कोंटा और नारायणपुर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। किसानों और व्यापारियों को माल ढुलाई में समय और लागत दोनों की बचत होगी। पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

ग्रामीणों के लिए राहत:

हजारों ग्रामीणों की रोजमर्रा की यात्रा सुगम होगी। स्कूल, अस्पताल और बाजारों तक पहुंच आसान होगी। यह पहल न केवल आवागमन में सुधार लाएगी बल्कि स्थानीय रोजगार और विकास को भी गति देगी।

निविदा प्रक्रिया तेज:

सरकार का लक्ष्य है कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही कार्य तुरंत शुरू हो और जल्द से जल्द सड़कें दुरुस्त की जाएं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट प्राथमिकता पर है ताकि आगामी महीनों में प्रदेशवासियों को गड्ढों से निजात मिल सके।

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