बिलासपुर में सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा में हाईटेक नकल का खुलासा, दो युवतियाँ हिरासत में

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NV News Bilaspur बिलासपुर। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा आयोजित सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा के दौरान रविवार को बिलासपुर में नकल का एक हाईटेक और चौंकाने वाला मामला सामने आया। इस घटना ने न केवल परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि तकनीक का दुरुपयोग किस हद तक हो सकता है।

परीक्षा जिले के 17 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें सरकंडा स्थित रामदुलारे शासकीय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल भी शामिल था। दोपहर करीब 11:30 बजे एक ऑटो में बैठी युवती की संदिग्ध गतिविधियों ने वहां से गुजर रहे एक ऑटो चालक का ध्यान खींचा। शक होने पर उसने इस बात की जानकारी एनएसयूआई (NSUI) के प्रदेश सचिव विकास सिंह को दी, जो उसी समय कुछ साथियों के साथ परीक्षा केंद्र के पास मौजूद थे।

विकास सिंह ने केंद्र प्रभारियों को इस संदिग्ध युवती के बारे में सूचित किया और बताया कि वह किसी तकनीकी डिवाइस के माध्यम से लगातार बातचीत में लग रही है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि युवती का परीक्षा केंद्र के अंदर बैठी किसी परीक्षार्थी से संपर्क हो सकता है, जो उसे उत्तर बता रही है या उससे उत्तर ले रही है।

सूचना मिलते ही केंद्र प्रभारी हरकत में आ गए और तुरंत ऑटो में बैठी युवती को पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान उसके पास से एक लैपटॉप और कई प्रकार के उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे माइक्रो ईयरफोन, वायरलेस ट्रांसमीटर और अन्य हाईटेक डिवाइस बरामद किए गए। इसके बाद परीक्षा केंद्र के भीतर परीक्षा दे रही एक और युवती को भी हिरासत में लिया गया, जो उसके संपर्क में थी।

पुलिस और परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने दोनों युवतियों से गहन पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दोनों युवतियाँ छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की रहने वाली हैं और संभवतः पूर्व नियोजित तरीके से परीक्षा में नकल कराने की योजना बनाई गई थी। जिस तरह की डिवाइस बरामद की गई है, उससे स्पष्ट है कि यह नकल सामान्य स्तर की नहीं थी, बल्कि बेहद योजनाबद्ध और तकनीकी रूप से उन्नत तरीके से अंजाम दी जा रही थी।

इस घटना के सामने आने के बाद परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी की प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। छात्रों और उनके अभिभावकों में भी चिंता का माहौल बन गया है। वहीं, व्यापम और जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं।

एनएसयूआई प्रदेश सचिव विकास सिंह ने कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि मेहनती और ईमानदार परीक्षार्थियों का भविष्य सुरक्षित रह सके। उन्होंने परीक्षा व्यवस्था में तकनीकी निगरानी को और बेहतर करने की मांग की।

इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बढ़ती तकनीकी सुविधाओं का यदि सही उपयोग न हो, तो वह परीक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में बड़ी गड़बड़ी का कारण बन सकती हैं। अब देखना यह होगा कि जांच में और क्या-क्या खुलासे होते हैं और प्रशासन इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाता है।

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