“Health Alert”: मेडिकल कॉलेज वेंटिलेटर,स्वास्थ्य सेवाएं ठप…NV News

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NV News: छत्तीसगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्वास्थ्य व्यवस्था लगातार संकट में है। प्रदेश के 10 मेडिकल कॉलेजों में करीब 48 प्रतिशत से अधिक चिकित्सकों के पद लंबे समय से खाली हैं। हालात ऐसे हैं कि आईसीयू (ICU) से लेकर वार्ड तक मरीजों को इलाज के लिए जूझना पड़ रहा है और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
मरीजों और छात्रों पर डबल मार:
डॉक्टरों और चिकित्सा शिक्षकों की भारी कमी से न केवल अस्पतालों में इलाज प्रभावित हो रहा है, बल्कि एमबीबीएस (MBBS)और पीजी छात्रों की पढ़ाई भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। व्यावहारिक प्रशिक्षण सही से नहीं हो पा रहा और शोध कार्य ठप हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति से कॉलेजों की मान्यता भी खतरे में पड़ सकती है।
संविदा भर्ती भी नाकाम:
सरकार ने बार-बार संविदा पर रिक्त पद भरने की कोशिश की, लेकिन प्रयास सफल नहीं हुए। कम वेतन, अस्थिर भविष्य और प्रमोशन के अवसर न होने की वजह से योग्य उम्मीदवार संविदा नियुक्तियों में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
कौन-कौन से कॉलेजों में हालत सबसे खराब:
रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, अंबिकापुर, कांकेर, कोरबा, महासमुंद और दुर्ग में सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें कांकेर, कोरबा और महासमुंद की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है।
कांकेर मेडिकल कॉलेज:
• प्राध्यापक: 24 में से सिर्फ 3 पद भरे
• सह प्राध्यापक: 33 में से 5 पद भरे
• सहायक प्राध्यापक: 46 में से 12 पद भरे
कोरबा मेडिकल कॉलेज:
• प्राध्यापक: 24 में 21 पद खाली
• सह प्राध्यापक: 33 में 23 पद खाली
• सहायक प्राध्यापक: 46 में 22 पद खाली
महासमुंद मेडिकल कॉलेज:
• प्राध्यापक: 24 में 17 पद खाली
• सह प्राध्यापक: 33 में 13 पद खाली
• सहायक प्राध्यापक: 46 में 26 पद खाली
कुल पदों की स्थिति:
• पदनाम स्वीकृत भरे (नियमित+संविदा) रिक्त कमी (%)
• प्राध्यापक 241 124 117 48.5
• सह प्राध्यापक 399 203 196 49.1
• सहायक प्राध्यापक 644 312 332 51.6
• प्रदर्शक 302 241 51 16.9
• जूनियर रेसिडेंट 502 293 209 41.6
• सीनियर रजिस्ट्रार 23 18 5 21.7
• रजिस्ट्रार 31 26 5 16.1
कुल 2660 1360 1290 48.5
अधिकारियों की सफाई:
• चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिखा राजपूत तिवारी: सहायक प्राध्यापक के 125 पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया जारी है। डीन को संविदा भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं।
• डॉ. प्रियंका शुक्ला: चिकित्सकों के 1079 पदों के लिए लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 650 पदों की भर्ती प्रक्रिया भी चालू है।
आगे की चुनौती:
15 सितंबर से नया सत्र शुरू होने जा रहा है, लेकिन शिक्षक और डॉक्टरों की भारी कमी दूर करना सबसे बड़ी चुनौती है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि समय रहते समाधान नहीं किया गया तो स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा दोनों की स्थिति और बिगड़ सकती है।