Gondwana Ganatantra Party to protest tomorrow: मुंगेली में कल गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का आंदोलन – NV News
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N.V.News मुंगेली: Gondwana Ganatantra Party to protest tomorrow: जिला प्रशासन और भाजपा सरकार पर गंभीर लापरवाही, जनसमस्याओं की अनदेखी और संवेदनशील धार्मिक–सामाजिक स्थलों पर खनन की अनुमति देने के आरोपों के बीच गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गो.ग.पा.) (Gondwana Gantartra Party) कल 25 नवंबर 2025 को मुंगेली जिला मुख्यालय (Mungeli District)में विशाल विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। पार्टी ने इस आंदोलन को “जन–संघर्ष दिवस” (Jan Sangharsh Diwas) का नाम दिया है, जिसमें शासन–प्रशासन का पुतला दहन भी किया जाएगा। बड़े पैमाने पर जुटान की तैयारी के साथ पार्टी ने कहा है कि अब धैर्य समाप्त हो चुका है और जनता न्याय के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर है।
लगातार ज्ञापनों के बाद भी नहीं मिली सुनवाई, बढ़ा रोष:
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष गुरु केवल प्रकाश साहिब ने बताया कि समस्याओं के समाधान के लिए पार्टी ने क्रमशः 7 अक्टूबर, 15 अक्टूबर, 29 अक्टूबर और 4 नवंबर को जिला प्रशासन से वार्ता और मांगपत्र सौंपे थे। मगर चारों बार प्रशासन ने केवल आश्वासन दिया और कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

उन्होंने कहा कि आवास, बिजली–पानी, मूलभूत सुविधाओं, गांव–गांव में विकास कार्यों और किसानों की समस्याओं पर प्रशासन की उदासीनता से जनता बेहद नाराज है। “जिले की आम जनता रोज दफ्तर का चक्कर काट रही है, लेकिन अधिकारी समाधान से ज्यादा टालमटोल में व्यस्त हैं,”—उन्होंने आरोप लगाया।
मुंगेली जिला भाजपा के तीन बड़े नेताओं—उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केंद्रीय कैबिनेट राज्य मंत्री तोखन साहू और विधायक पुन्नूलाल साहू—का मजबूत राजनीतिक गढ़ माना जाता है। ऐसे में शासन-प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का कल मुंगेली में होने वाला विरोध प्रदर्शन बेहद अहम माना जा रहा है और इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
सतनाम धाम और सोनाखान जंगल को बचाने की निर्णायक लड़ाई:
आंदोलन के केंद्र में सतनाम धाम (satnaam dham) और गोंडी समाज (Gondi Samaj) की धार्मिक धरोहरों पर कथित हमले का मुद्दा भी है। पार्टी का कहना है कि गिरौदपुरी सतनाम धाम की तपोभूमि और सुंदर वन (बराकापार फॉरेस्ट एरिया), तथा शहीद वीर नारायण सिंह की कर्मभूमि सोनाखान जंगल में वेदांता लिमिटेड प्राइवेट कंपनी द्वारा बिना मानक प्रक्रिया के खनन व वृक्ष कटाई की जा रही है। पार्टी का आरोप है कि सोने की लालच में बड़े पैमाने पर जंगल उजाड़े जा रहे हैं, जिससे पवित्र धार्मिक स्थल खतरे में हैं, पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है, स्थानीय आदिवासी समुदायों का अस्तित्व दांव पर है।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का कहना है कि खनन का लाभ न राज्य को होगा और न ही सतनाम–गोंडी समुदाय को। बल्कि इससे आध्यात्मिक स्थल, संस्कृति, जैव विविधता और जनजीवन पर गंभीर असर पड़ेगा। इसीलिए आज के आंदोलन में “सुंदर वन बचाओ – सोनाखान बचाओ” प्रमुख नारा रहेगा।

धार्मिक–सामाजिक मुद्दों पर भी उठे सवाल:
आंदोलन में निम्न प्रमुख मांगें रखी जाएंगी—
1. सतनाम और गोंडी धर्म की विधिक मान्यता:
धार्मिक स्थलों को निजी कब्जों और सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त कर लोकतांत्रिक प्रबंधन की व्यवस्था लागू की जाए।
2. नवीन विधानसभा भवन का नाम ममतामयी मिनी माता जी के नाम पर यथावत रखा जाए: पार्टी ने कहा कि मिनीमाता जी अविभाजित मध्यप्रदेश की पहली महिला सांसद थीं और सतनाम समाज की आस्था की प्रतीक हैं। विधानसभा में पहले ही उनके नाम पर भवन नामकरण का प्रस्ताव पारित हो चुका है, अतः इसमें परिवर्तन अस्वीकार्य है।
3. गुरुघासीदास प्लाज़ा, रायपुर को गुंडों–दलालों से मुक्त करने की मांग: करोड़ों की लागत से बने इस पवित्र स्थल को असामाजिक तत्वों ने कब्जा जैसा रूप दे रखा है, जिस पर तत्काल कार्रवाई जरूरी है।
हजारों कार्यकर्ताओं के जुटने की संभावना, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी पार्टी के अनुसार आज के आंदोलन में जिलेभर और आसपास के गांवों से हजारों कार्यकर्ता, ग्रामीण, किसान, महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व के कई दिग्गज नेता मंच पर मौजूद रहेंगे। जिला मुख्यालय में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति है, लेकिन किसी भी तरह की अव्यवस्था पर कार्रवाई की जाएगी।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कल के प्रदर्शन को जनता की आवाज बताते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन प्रदेशव्यापी रूप लेगा।
