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NV News:- रायपुर के रहने वाले अमन को पिछले 4 महीनों से सांस फूलने की शिकायत थी. बीते 2 महीनों से खांसने पर थूक के साथ-साथ खून भी आ रहा था. जांच के बाद यह ता चला कि अमन को बीमारी फेफड़े में न होकर दिल में है
धड़कते हुए दिल में ओपन हार्ट सर्जरी कर पहली बार दुर्लभ ट्यूमर निकाला गया है. ये सर्जरी छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े हॉस्पिटल डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में किया गया है. दरअसल दिल के दाएं अलिंद के अंदर स्थित यूस्टेचियन वॉल्व के ऊपर से दुर्लभ ट्यूमर निकाला गया है. इसे बीटिंग हार्ट ओपन सर्जरी कहते है. अध्ययन के मुताबिक 10 करोड़ में किसी एक को ही इस तरह का ट्यूमर होता है.
हार्ट चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार साहू ने बताया कि कोई भी ओपन हार्ट सर्जरी, जिसमें मरीज के हृदय के चैंबर को खोला जाता है तो सबसे पहले उसे हार्ट लंग मशीन का सर्पोट दिया जाता है और विशेष द्रव कार्डियो प्लेजिया कहा जाता है. इसकी सहायता से दिल के धड़कन को बंद किया जाता है, उसके बाद ही हृदय के चैम्बर को काट कर खोला जाता है. इस मरीज के केस में दाएं अलिंद के ट्यूमर को निकालने के लिए हार्ट लंग मशीन का सहायता लिया गया, लेकिन ट्यूमर की स्थिति हृदय के दाएं सेल में होने के कारण मरीज के धड़कन को रोके बिना धड़कते हुए हृदय के अंदर से यह ट्यूमर निकाल लिया गया है.
ऑपरेशन नहीं होने पर जा सकती थी मरीज की जान
रायपुर के ही रहने वाले 30 साल के युवक अमन को पिछले 4 महीनों से सांस फूलने की शिकायत थी. बीते 2 महीनों से खांसने पर थूक के साथ-साथ खून भी आ रहा था. जांच के बाद यह ता चला कि अमन को बीमारी फेफड़े में न होकर दिल में है. जांच में यह भी पता चला कि मरीज को हृदय के अंदर 4×4 सेमी का बड़ा सा ट्यूमर है, जो मरीज के हृदय के दाएं अलिंद में स्थित हैं और वह हृदय के पंपिंग और वॉल्व मैकेनिज्म को प्रभावित कर रहा था.
बताया जाता है कि ऐसे गांठ जो कि हृदय के अंदर स्थित होता है, उस मरीज को लकवे की बहुत अधिक संभावना होती है. यदि यह ऑपरेशन नहीं हुआ होता तो मरीज की कुछ दिनों बाद जान भी जा सकती थी. आपको बता दें कि ऑपरेशन करने वाली टीम में हार्ट सर्जन डॉ. कृष्ण कुमार साहू, डॉ. निशांत चंदेल, कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. तान्या और अन्य स्टाफ शामिल थे.