“Fake Robbery Story”:लूट की कहानी थी फिल्मी, पुलिस ने दिखाया रियलिटी…NV News

Share this

NV News:राजधानी के पंडरी थाना क्षेत्र में एक ऐसी सनसनीखेज घटना सामने आई है, जिसमें लूट की पूरी कहानी पुलिस की जांच में झूठी साबित हुई। मामला किसी छोटे-मोटे अपराधी का नहीं, बल्कि विधानसभा रोड स्थित वालफोर्ट इलाके के रहने वाले कारोबारी चिराग जैन का है, जिसने खुद पर पिस्टल और चाकू तानकर लूटपाट का नाटकीय दावा किया था। लेकिन हकीकत में यह “लूट” सिर्फ एक फिल्मी स्क्रिप्ट थी – जिसकी पटकथा चिराग ने अपने वित्तीय नुकसान से बचने के लिए खुद लिखी थी।

कैसे गढ़ी गई लूट की कहानी ?:

घटना का कथित दिन था सोमवार। चिराग जैन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि वह कार से जा रहा था, तभी कांपा रेलवे क्रॉसिंग के पास बिना नंबर प्लेट की बाइक पर सवार तीन युवक उसके पास आए।

शिकायत के अनुसार,इनमें से दो युवक कार में घुस गए, कट्टा और चाकू उसकी कनपटी पर टिकाकर उसे कांपा रेलवे यार्ड के सुनसान इलाके में ले गए और करीब 15 लाख रुपये नकद लेकर फरार हो गए।शिकायत सुनते ही पुलिस हरकत में आ गई। मामला बड़ी रकम का था, इसलिए पंडरी थाना प्रभारी से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक ने जांच में तेजी दिखाई।

CCTV फुटेज से कहानी पर संदेह:

जांच के दौरान पुलिस ने चिराग द्वारा बताए गए रूट का एक-एक CCTV फुटेज खंगालना शुरू किया। फुटेज में चिराग की कार तो नजर आई, लेकिन हैरानी की बात यह थी कि उसके आगे-पीछे कोई संदिग्ध बाइक नहीं मिली।जब पुलिस ने अलग-अलग लोकेशन के कैमरों से मिलान किया, तो स्पष्ट हो गया कि घटनास्थल तक चिराग अकेला ही पहुंचा था।

सख्ती से पूछताछ और कबूलनामा:

तकनीकी सबूत मिलने के बाद पुलिस ने चिराग को बुलाकर सख्ती से पूछताछ की। शुरुआत में वह बार-बार अपनी लूट की कहानी दोहराता रहा, लेकिन अंततः दबाव में उसने सच्चाई उगल दी। और कबूला कि, एमसीएक्स (कमोडिटी एक्सचेंज) के कारोबार में उसे डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ था। इस नुकसान की भरपाई करने के लिए उसने 15 लाख रुपये की फर्जी लूट का नाटक रचा।

रकम की सच्चाई परिवार वालों से भी छुपाई:

जांच में यह भी सामने आया कि यह 15 लाख रुपये वास्तव में ओडिशा के कारोबारियों को भुगतान के लिए दिए गए थे। रकम देखकर चिराग का मन बदल गया और उसने सोचा कि अगर वह इसे लूट दिखा देगा, तो न सिर्फ रकम अपने पास रख पाएगा बल्कि नुकसान की भरपाई भी हो जाएगी।सबसे हैरानी की बात यह थी कि उसने यह पूरी योजना अपने परिवार से भी छुपा रखी थी।

कानूनी शिकंजा:

सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस ने चिराग के खिलाफ फर्जी FIR दर्ज करवाने और पुलिस को गुमराह करने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है।वही थाना पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मामलों में झूठी शिकायत न केवल संसाधनों की बर्बादी करती है, बल्कि वास्तविक अपराध की जांच में भी बाधा डालती है।

पुलिस ने दी सख्त चेतावनी:

रायपुर पुलिस ने आम नागरिकों चेतावनी देते हुए कहा कि, यदि कोई भी व्यक्ति निजी कारणों से या मुआवजे के लालच में झूठा अपराध गढ़ता है, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Share this