उप मुख्यमंत्री अरुण साव से जुड़े ‘फर्जी बिल’ का खुलासा — PWD ने बताया, विभागीय भुगतान सिर्फ सरकारी कार्यक्रमों का
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रायपुर। सोशल मीडिया पर उप मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव से जुड़े एक कथित पारिवारिक कार्यक्रम के बिल को लेकर फैली खबर पूरी तरह फर्जी और भ्रामक निकली है।
लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि उप मुख्यमंत्री या उनके किसी भी निजी कार्यक्रम का कोई भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया गया है।
PWD के मुताबिक, सोशल मीडिया में प्रसारित तथाकथित बिलों का विभाग से कोई संबंध नहीं है। आरटीआई (RTI) के तहत जारी अधिकृत दस्तावेजों में भी ऐसे किसी भुगतान या बिल का उल्लेख नहीं किया गया है।
बेमेतरा संभाग के कार्यपालन अभियंता डी.के. चंदेल ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग ने केवल शासकीय कार्यक्रमों के लिए टेंट-पंडाल, साउंड, लाइटिंग आदि की व्यवस्थाओं का भुगतान किया है।
इनमें मुख्यमंत्री और मंत्री स्तर के कार्यक्रमों के साथ ही स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, राज्योत्सव और ‘विकसित भारत’ जैसे सार्वजनिक आयोजन शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 से 2025 के बीच बेमेतरा संभाग में हुए प्रमुख सरकारी आयोजनों के लिए कुल ₹3.97 करोड़ का भुगतान किया गया।
इन कार्यक्रमों में प्रमुख रूप से शामिल हैं —
मुख्यमंत्री का तीन दिवसीय नवागढ़ कार्यक्रम (दिसंबर 2024) — ₹1.76 करोड़
जूनी सरोवर कार्यक्रम (जनवरी 2024) — ₹71 लाख
अंधियारखोर ग्राम का मंत्री कार्यक्रम (जुलाई 2024) — ₹17.99 लाख
विकसित भारत कार्यक्रम (फरवरी 2024) — ₹11.88 लाख संबलपुर, दाढ़ी व सिंधौरी सहित अन्य सरकारी आयोजन — ₹33.29 लाख से अधिक विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि 9 अगस्त 2024 को बताए गए कथित पारिवारिक कार्यक्रम का कोई भुगतान कभी नहीं हुआ।
उस तिथि से जुड़ा कोई भी बिल विभागीय रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है।
PWD ने आगे कहा कि सभी भुगतान की माप पुस्तिकाएं, देयक प्रतियां, फोटो और वीडियो रिकॉर्ड विभागीय अभिलेख में सुरक्षित रखे गए हैं। भुगतान से पूर्व उप अभियंता और अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा नियमानुसार सत्यापन किया गया था। विभाग ने चेतावनी दी है कि झूठी व भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
