कान्हा टाइगर रिजर्व में नक्सलियों की मौजूदगी के बाद भी पर्यटन पर नहीं पड़ा इसका असर

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NV News:-   मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व के जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी तो है लेकिन पर्यटन पर इसका असर नहीं हुआ है।

यहां लंबे समय से कोर और बफर में नक्सलियों के विस्तार दलम और खटिया मोचा दलम की मौजूदगी बताई जाती है। नक्सलियों ने अपनी संख्या बढ़ाकर पिछले दिनों वन कर्मियों को धमकाने, मारने और उनसे राशन छीन ले जाने जैसी वारदातों को अंजाम दिया। इसके बाद भी पर्यटक नक्सलियों के खौफ को दरकिनार कर पहुंच रहे हैं।

आंकड़े बताते हैं कि कान्हा पार्क में छह माह में एक लाख 22 हजार से अधिक पर्यटक आ चुके हैं, जिनमें 1025 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। पिछले तीन माह में जनवरी से मार्च तक 57 हजार 868 पर्यटक कान्हा आ चुके हैं। चार माह में तीन की हत्या बालाघाट जिले में नक्सलियों ने चार माह में तीन लोगों को मुखबिरी के शक में मार डाला है। 26 नवंबर 2021 में मालखेड़ी के जंगल में जगदीश पटले व संतोष यादव और 22 मार्च को वन श्रमिक सुखदेव सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

हालांकि पुलिस ने कान्हा के बफर और कोर जोन में सर्चिंग बढ़ा दी है जिससे नक्सली कान्हा के जंगल में घिर गए हैं।

तीन माह की स्थिति आंकड़ों में जनवरी देसी पर्यटक 19627 विदेशी पर्यटक 71 कुल 19698 फरवरी देसी पर्यटक 17057 विदेशी पर्यटक 123 कुल 17180 मार्च देसी पर्यटक 20424 विदेशी पर्यटक 566 कुल 20990

इनका कहना है

कान्हा के जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी है, लेकिन उनका कब्जा कहीं नहीं है। पर्यटन बेखौफ जारी है। वनकर्मी अपनी-अपनी बीट में निरंतर गश्त कर रहे हैं। -एके सिंह, फील्ड डायरेक्टर, कान्हा

कान्हा के बफर और कोर जोन में सीआरपीएफ मंडला, सीआरपीएफ गढ़ी और हाकफोर्स व जिला पुलिस बल के जवान नियमित सर्चिंग कर रहे हैं। यहां पर्यटन पूरी तरह सुरक्षित है। – समीर सौरभ, एसपी, बालाघाट

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