हाथियों का आतंक: 13 हाथियों के झुंड ने 10 गांवों की धान फसल रौंदी, ग्रामीणों में दहशत

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जांजगीर। सक्ती जिले के कोरबा से लगे सोनगुढ़ा क्षेत्र में इन दिनों जंगली हाथियों ने डेरा जमा लिया है। धान की पकी फसल के लालच में 13 हाथियों का झुंड लगातार गांवों की ओर बढ़ रहा है और पिछले 10 दिनों से 10 से अधिक गांवों में फसलों को रौंदकर भारी नुकसान पहुंचा रहा है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब हाथियों के मूवमेंट का दायरा और बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।

इस बार धान पकने का मौसम किसानों के लिए उम्मीदों के साथ-साथ बड़ी चिंता लेकर आया है। पकी फसल की सुगंध और भोजन की तलाश में हाथी कोरबा से ग्रामीण इलाकों की ओर लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे सोनगुढ़ा, बासीनपाट और आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है।

वन विभाग के रेंजर जितेंद्र कंवर ने बताया कि हाथियों का दल पिछले कुछ दिनों से सोनगुढ़ा क्षेत्र में सक्रिय है और खेतों में धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। दल में कुछ छोटे हाथी भी शामिल हैं, जिनके कारण उनका मूवमेंट ज्यादा अनिश्चित हो रहा है।

दिन जंगल में, रात खेतों में उत्पात

ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का झुंड दिन में जंगल में रहता है और अंधेरा होते ही गांवों और खेतों में घुसकर फसलों को रौंद देता है। कई किसान अपनी पूरी फसल के नष्ट होने से परेशान हैं, जबकि कई के खेतों को आंशिक क्षति पहुंची है। हाथियों को जंगल की ओर भेजने के लिए वन विभाग की टीम लगातार प्रयास कर रही है।

ये गांव हैं सबसे ज्यादा प्रभावित

रैनखोल, सलिहाभाठा, बासीनपाठ, गुंजी, खरीपारा, बरपाली, जोबा, घुईचुवां, नवागांव और जामचुवां के किसानों को हाथियों के दल के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ा है।

पहले भी मिल चुके हैं ऐसे हालात

जांजगीर–सक्ती क्षेत्र में हाथियों का आना नया नहीं है—

  1. केस-01 (2023): 17 हाथियों के झुंड ने जांजगीर-चांपा में दो लोगों की जान ली और घरों व फसलों को नुकसान पहुंचाया था।
  2. केस-02 (2024): कोरबा से भटका एक दंतैल हाथी बलौदा होते हुए दीपका पहुंचा, जिससे एक व्यक्ति की मौत हुई।
  3. जुलाई 2025: सालियाभाठा क्षेत्र में हाथियों ने घरों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था।

वन विभाग का दावा है कि स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और जल्द ही हाथियों को सुरक्षित रूप से जंगल की ओर खदेड़ने की कोशिश तेज की जाएगी।

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