Education News: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर घमासान, 1 जनवरी से विद्या समीक्षा एप अनिवार्य

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रायपुर। शिक्षकों और विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से शुरू की गई उलटी गिनती अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। केवल तीन दिन बाद यानी 1 जनवरी से छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य कर दी जाएगी। इसके लिए विद्या समीक्षा केंद्र मोबाइल एप के जरिए उपस्थिति दर्ज करनी होगी। विभाग के इस आदेश के बाद प्रदेशभर के शिक्षकों में खलबली मच गई है और शिक्षक संगठन खुलकर विरोध में उतर आए हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि ऑनलाइन अटेंडेंस के आधार पर ही शिक्षकों का वेतन तैयार किया जाएगा। यानी यदि एप में उपस्थिति दर्ज नहीं हुई तो वेतन पर भी असर पड़ सकता है। यह एप GPS और जियो-फेंसिंग तकनीक पर आधारित है, जो स्कूल परिसर के 100 मीटर के दायरे में ही सक्रिय होगा। दायरे में आने के बाद ही शिक्षक और छात्र अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे।

 

अधिकारी लाइव डैशबोर्ड से करेंगे निगरानी

ऑनलाइन सिस्टम लागू होने के बाद संभाग और जिला स्तर के अधिकारी लाइव डैशबोर्ड के जरिए किसी भी समय स्कूलों की उपस्थिति रिपोर्ट देख सकेंगे। इससे शिक्षकों के समय पर आने-जाने की पूरी जानकारी डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेगी।

 

पहले 7 जिलों में पायलट, अब पूरे प्रदेश में लागू

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा यह एप पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 7 जिलों में लागू किया गया था। अब शेष 26–27 जिलों में भी 1 जनवरी से इसे लागू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस संबंध में अवर सचिव आरपी वर्मा ने प्रदेश के सभी संभागीय संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है।

 

शिक्षक संगठनों का तीखा विरोध

शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह आदेश अव्यावहारिक और निजता का उल्लंघन है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा समेत कई पदाधिकारियों ने कहा कि—

 

शिक्षकों का मोबाइल निजी है

जबरन निजी मोबाइल में एप डाउनलोड कराना गलत है

डेटा लीक या साइबर फ्रॉड की जिम्मेदारी विभाग ले

यदि बायोमेट्रिक अटेंडेंस लेनी है तो स्कूलों में मशीन लगाई जाए

संगठन का यह भी कहना है कि नेटवर्क की समस्या, मोबाइल भूल जाना, बैटरी खत्म होना जैसी परिस्थितियों में उपस्थिति कैसे सुनिश्चित होगी, इस पर विभाग ने कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिया है।

 

शिक्षा की गुणवत्ता पर असर का आरोप

सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पांडेय ने कहा कि विभाग लगातार नए-नए प्रयोग कर रहा है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। कई स्कूल सुदूर और नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां ऑनलाइन अटेंडेंस व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।

 

मोबाइल नंबर बैंक से लिंक, फ्रॉड का डर

शिक्षकों का कहना है कि उनके मोबाइल नंबर बैंक खातों से लिंक होते हैं। ऐसे में यदि किसी प्रकार का साइबर फ्रॉड होता है तो उसकी भरपाई कौन करेगा? विभाग न तो मोबाइल भत्ता देता है और न ही किसी नुकसान की जिम्मेदारी लेता है।

 

शासन का स्पष्ट आदेश

अवर सचिव आरपी वर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि

शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति की जानकारी भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय विद्या समीक्षा केंद्र को भेजी जाती है और इसकी नियमित समीक्षा होती है।

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