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NV News रायपुर, छत्तीसगढ़ | पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बेटे चैतन्य बघेल की ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा की गई गिरफ्तारी को लेकर राज्य सरकार और केंद्र की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि विपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए यह कार्रवाई की गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की निगरानी में रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र में हजारों पेड़ों की अवैध कटाई की गई है और वहां रहने वाले ग्रामीणों को जबरन बंधक बनाकर विकास कार्यों के नाम पर उनके अधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस गंभीर मुद्दे को लेकर विपक्ष के नेता ने विधानसभा में प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी। लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव को रोकने के लिए ईडी का इस्तेमाल किया।
भूपेश बघेल ने कहा कि उसी दिन सुबह 6 बजे उनके रायपुर स्थित घर पर ईडी की टीम ने छापा मारा, ताकि वे विधानसभा नहीं पहुंच सकें और विपक्ष का यह मुद्दा सदन में न उठ सके। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली बार जब बजट सत्र चल रहा था, तब भी उनके आवास पर ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई हुई थी, जिससे वे विधानसभा सत्र में भाग नहीं ले सके थे।
हालांकि इस बार तमाम अड़चनों के बावजूद वे विधानसभा सत्र में उपस्थित हुए। लेकिन उसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि ईडी ने उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया है। भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि 10 मार्च को जो ईडी का छापा पड़ा था और कल जो गिरफ्तारी हुई, इन दोनों घटनाओं के बीच न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही ईडी की ओर से किसी तरह की पूछताछ की गई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा कि ये सभी कार्रवाइयां पूरी तरह राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित हैं और इनका मकसद विपक्षी नेताओं को डराना और जनता के सवालों से ध्यान भटकाना है।
इस मामले में अब तक ईडी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन यह गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नई हलचल जरूर पैदा कर गई है।