छत्तीसगढ़ में ड्राइविंग टेस्ट होगा पूरी तरह डिजिटल: रायपुर समेत 8 जिलों में ई-ड्राइविंग ट्रैक की तैयारी शुरू
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया अब आधुनिक तकनीक से लैस होने जा रही है। रायपुर के बीरगांव स्थित ड्राइविंग संस्थान एवं यातायात अनुसंधान केंद्र को अत्याधुनिक सुविधाओं से अपडेट करने की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। परिवहन विभाग ने यहां ई-ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (ई-ट्रैक) निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है।
परिवहन विभाग के अनुसार, नया ई-ट्रैक पूरी तरह AI कैमरे और सेंसर तकनीक से संचालित होगा। वाहन नियंत्रण, लेन अनुशासन, गति नियंत्रण और सिग्नल पालन जैसे हर मानक को सेंसर ऑटोमेटिक रिकॉर्ड करेंगे। रायपुर के अलावा दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जगदलपुर, अंबिकापुर, रायगढ़ और कोरबा में भी ई-ट्रैक तैयार किए जाएंगे।
कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां ड्राइविंग टेस्ट पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी सिस्टम से लिया जाएगा।
दुर्टनाओं में आएगी कमी:-
विभाग का कहना है कि नई तकनीक के जरिए बेहतर व प्रशिक्षित ड्राइवरों का चयन होगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
एल-शेप, एच-शेप, ब्रेक टेस्ट, स्लोप—सभी परीक्षण अब सेंसर आधारित होंगे।
ऑनलाइन आवेदन और डिजिटल लाइसेंस:-
अब आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर अपॉइंटमेंट बुक कर सकेंगे। तय तिथि पर ई-ट्रैक पर टेस्ट देना होगा। सेंसर द्वारा दर्ज डेटा सीधे पोर्टल पर अपलोड होगा और योग्य आवेदकों को डिजिटल फीडबैक के साथ लाइसेंस जारी किया जाएगा।
यह होगा फायदा:-
इससे पहले टेस्ट में परिवहन अधिकारियों की मौजूदगी के कारण कई बार भेदभाव और भ्रष्टाचार की शिकायतें आती थीं।
नई व्यवस्था में टेस्ट से रिज़ल्ट तक मानव हस्तक्षेप शून्य रहेगा, जिससे प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी बनेगी।
