Share this
लंदन :- कोरोना वायरस का खतरा अभी भी पूरी तरह से टला नहीं है। एक के बाद एक इस वायरस के अलग-अलग वैरिएंट सामने आ रहे हैं, जोकि एक बड़ी समस्या बने हुए हैं।
युनाइटेड किंगडम में भी कोरोना का नया वैरिएंट डेल्टाक्रोन सामने आया है। देश की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी को पिछल हफ्ते एक व्यक्ति में कोरोना यह नया वैरिंट मिला था, जिसके बाद डेल्टा और ओमिक्रॉन के इस हाइब्रिड स्ट्रेन की मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार मरीज के भीतर डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों ही वैरिएंट मिले हैं, ऐसे में यूके में स्वास्थ्य एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यह अपने आप में इस तरह का पहला मामला है।
एक महीने पहले साइप्रस के एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ लियोंडियोस कोस्ट्रिकिस ने कहा था कि उन्होंने डेल्टाक्रॉन की पहचान की है, लेकिन उनके इस दावे को तमाम एक्सपर्ट ने खारिज कर दिया था, उनका कहना था कि यह लैब में कोई गलती हो सकती है। शुक्रवर को यूके की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार डेल्टा एक्स ओमिक्रॉन पर फिलहाल हम नजर रख रहे हैं और इसकी जांच कर रहे हैं। बता दें कि डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों ही वैरिंट काफी संक्रामक हैं, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो सकता है कि दोनों वैरिएंट एक साथ मिलकर नए वैरिएंट के जरिए कितनी अधिक रफ्तार में संक्रमण फैला सकते हैं। स्वास्थ्य एजेंसी की ओर से यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि दश में इस नए वैरिएंट का सिर्फ एक केस है या उससे अधिक।
यूके के स्वास्थ्य अधिकारी फिलहाल वैरिएंट को लेकर खास चिंतिति नहीं हैं क्योंकि इसके मामले बिल्कुल कम है। यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजिला के एक्सपर्ट पॉल हंटर ने कहा कि डेल्टाक्रॉन बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं होना चाहिए क्योंकि अधिकतर आबादी को कोरोना का टीका लग चुका है, उनके भीतर एक स्तर का इस संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित हो चुकी है। पॉल हंटर न कहा कि फिलहाल मैं इस वैरिंट को लकर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं हूं। अगर डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों के मामले कम हो रहे हैं, तो इस वैरिएंट को लोगों में फैलने में मुश्किल होगी। गौर करने वाली बात है कि अमेरिकी और यूके दोनों ही जगह पिछले महीने छुट्टियों के बाद संक्रमण के मामलों में गिरावट देखने को मिली है