cow slaughter: रायपुर में गौ रक्षा के लिए कार्यकर्ता का बड़ा बलिदान, डिवाइडर पर बैठकर काटी अपनी उंगली

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NV NEWS Raipur🙁cow slaughter)राजधानी रायपुर में रविवार की शाम उस वक्त सनसनी और भावनाओं का माहौल बन गया जब गौ रक्षा आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता आदेश सोनी ने विरोध प्रदर्शन का ऐसा तरीका अपनाया जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। शहर की व्यस्त सड़क पर बने डिवाइडर पर बैठकर उन्होंने अपनी छोटी उंगली चपड़ से काट डाली। यह दृश्य देखकर आसपास मौजूद लोग दंग रह गए और मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
घटना के तुरंत बाद लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई और किसी ने पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। थोड़ी ही देर में पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई। आदेश सोनी को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनकी उंगली पूरी तरह से अलग हो चुकी है। हालांकि उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर है और उन्हें निगरानी में रखा गया है।
“गौ हत्या करने वालों के हाथ नहीं कांपते, फिर हमारे क्यों?”
इस घटना के बाद आदेश सोनी ने वहां मौजूद लोगों से भावुक अंदाज में कहा कि जब गौ हत्या करने वाले निर्दोष पशुओं का गला काटते हैं तो उनके हाथ नहीं कांपते, तो फिर गौ रक्षा के लिए बलिदान देते समय हमारे हाथ क्यों कांपें? उन्होंने दावा किया कि जब उन्होंने अपनी उंगली काटी तो उन्हें कोई दर्द महसूस नहीं हुआ। उनका यह बयान सुनकर वहां खड़े लोग स्तब्ध रह गए और कई लोगों की आंखों से आंसू भी निकल आए।
लंबे समय से गौ रक्षा आंदोलन से जुड़े हैं आदेश सोनी
आदेश सोनी छत्तीसगढ़ में लंबे समय से गौ हत्या और गौ तस्करी के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। वे समय-समय पर सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं और प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग करते आए हैं। उनके समर्थक कहते हैं कि आदेश का यह कदम उनके अटूट विश्वास और गौ माता के प्रति गहरे समर्पण को दर्शाता है। उनका मानना है कि आदेश सोनी ने यह बलिदान देकर समाज को एक बड़ा संदेश दिया है।
समाज में बंटे विचार
हालांकि इस घटना पर समाज में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे “गौ रक्षा के लिए असाधारण साहस” बता रहे हैं तो वहीं कई लोग इसे “आत्मघाती और खतरनाक कदम” मान रहे हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों का कहना है कि विरोध का तरीका ऐसा होना चाहिए जिससे समाज में जागरूकता बढ़े और स्थायी समाधान निकले, न कि ऐसा जिससे किसी की जान को खतरा पैदा हो। उनका मानना है कि जनजागरूकता और अहिंसा से ही गौ रक्षा आंदोलन को नई दिशा मिल सकती है।
सोशल मीडिया पर बहस
यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। आदेश सोनी के समर्थक उनके इस कदम को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह बलिदान गौ माता की रक्षा के लिए नया अध्याय साबित होगा। वहीं दूसरी ओर, कुछ लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि गौ रक्षा का आंदोलन आत्मत्याग से आगे बढ़ने के बजाय शांतिपूर्ण तरीकों और कानूनी उपायों से होना चाहिए। उनका कहना है कि ऐसे कदम से भले ही तात्कालिक संदेश जाए, लेकिन इससे स्थायी समाधान नहीं निकलता।
छत्तीसगढ़ में गौ संरक्षण की चुनौती
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में गौ हत्या और गौ तस्करी लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। राज्य में गौशालाओं और गौ सेवा योजनाओं के बावजूद गौ संरक्षण एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। आए दिन गौ तस्करी और अवैध वध के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में आदेश सोनी का यह कदम निश्चित तौर पर इस मुद्दे को और गरमा देगा। यह घटना न केवल प्रशासन बल्कि पूरे समाज के सामने सवाल खड़ा करती है कि आखिर गौ रक्षा की लड़ाई किस दिशा में और किस तरीके से लड़ी जानी चाहिए।
प्रशासन की सतर्कता
घटना के बाद पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई है। फिलहाल आदेश सोनी की हालत स्थिर बताई जा रही है लेकिन उनकी इस कार्रवाई ने पूरे प्रदेश में बहस छेड़ दी है।