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कांग्रेस महंगाई, जीएसटी और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ शुक्रवार को सुबह से सड़क से संसद तक प्रदर्शन कर रही है। इस बीच, राहुल गांधी समेत कई सांसदों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दरअसल, राहुल संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाल रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। खबर यह भी है कि प्रियंका पीएम आवास का घेराव भी कर सकती हैं।
उधर, प्रियंका भी कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गई हैं। उधर, प्रदर्शन को देखते हुए अकबर रोड पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस ने तीन लेयर में जवानों को तैनात किया है। किसी भी कार्यकर्ता अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। इस बीच केंद्र के खिलाफ विरोध जताने के लिए सोनिया, राहुल समेत कांग्रेस के सभी सांसद सदन में काले कपड़े पहनकर पहुंचे और जमकर नारेबाजी की।
राहुल ने कहा- 8 साल में सब बर्बाद हो गया
इससे पहले, सुबह राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, ‘क्या आप तानाशाही का मजा ले रहे हैं, यहां रोज लोकतंत्र की हत्या हो रही है। इस सरकार ने 8 साल में लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया।’ दरअसल, कांग्रेस आज देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। मीडिया से बात करने के दौरान वह अपने बाजू पर काली पट्टी बांधे थे।
राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें:
1. हर इंस्टीट्यूट में RSS का आदमी: देश की मीडिया, इलेक्टोरल सिस्टम इनके दम पर विपक्ष खड़ा होता है, लेकिन देश में हर इंस्टीट्यूट में RSS का आदमी बैठा है। वह सरकार के कंट्रोल में है। जब हमारी सरकार होती थी तब इन्फ्रास्ट्रक्चर न्यूट्रल होता था। हम उसमें दखल नहीं देते थे। आज यह सरकार के साथ है। कोई विरोध करता है तो उसके खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियां लगा दी जाती हैं।’
2. लोकतंत्र आठ साल में बर्बाद: लोकतंत्र की जो मौत हुई, उससे आपको कैसा लग रहा है? जिस लोकतंत्र को 70 सालों में बनाया गया, उसे आठ साल में खत्म कर दिया गया।
3. जितना सच्चाई बोलूंगा, उतना हमला: मेरी दिक्कत ये है कि मैं सच्चाई बोलूंगा, महंगाई, बेरोजगारी का मुद्दा उठाने का काम करूंगा। जो डरता है, वो धमकाता है। जो आज देश की हालत है उससे डरते हैं, जो उन्होंने पूरे नहीं किए, महंगाई और बेरोजगारी से डरते हैं। जनता की शक्ति से डरते हैं, क्योंकि ये 24 घंटा झूठ बोलते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस तानाशाह सरकार को डर लग रहा है। भारत की हालत से, कमरतोड़ महंगाई और ऐतिहासिक बेरोज़गारी से, अपनी नीतियों से लायी बर्बादी से। जो सच्चाई से डरता है, वो ही आवाज़ उठाने वालों को धमकाता है।