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NV News:- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने आज साल 2022 -23 सत्र का बजट पेश किया. इस बजट में मुख्यमंत्री ने सभी वर्ग के लोगों को साधने का प्रयास किया है. ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी करने के साथ प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में मौजूद देवगुड़ी, पुराने देवस्थलों और मंदिर के पुजारियों, मांझी, बैगा, गुनिया और हाट पाहार्य और बाजा मोहरिया में शामिल ग्रामीणों को साधते हुए राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत अब लाभ दिए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है.
दरअसल छत्तीसगढ़ के बस्तर जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में देव गुड़ियों का काफी महत्व है और इन देव गुड़ियों में बैगा, गुनिया, पुजारी , मांझी को विशेष दर्जा प्राप्त है, इन्हें ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने अपने बजट में अब राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर ने योजना के तहत हर साल 7 हजार रुपये की राशि देने की घोषणा की है.
बस्तर में विशेष दर्जा प्राप्त
मुख्यमंत्री के बजट में इस घोषणा के बाद बस्तर के पुजारियों, गुनिया ,मांझी और बैगा में काफी खुशी है. उनका कहना है कि शासन के इस योजना का लाभ मिलने से उन्हें काफी राहत मिलेगी. दरअसल उन्हें सिर्फ मंदिर में चढ़ाए जाने वाले दान दक्षिणा पर ही निर्भर रहना पड़ता है, वहीं उनके पूर्वज लंबे समय से देव गुड़ियों में ही पूजा पाठ करते आ रहे हैं, ऐसे में सरकार ने उनके तरफ ध्यान आकर्षित कर इस योजना के तहत उन्हें लाभ देने की घोषणा की है. इससे पूरे छत्तीसगढ़ के खासकर बस्तर के बैगा, गुनिया, पुजारयों,मांझी और पाहार्या, बाजा मोहरिया में शामिल सभी लोगों में काफी खुशी है और सभी ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है.
बैगा, गुनिया, मांझी, पूजारियों में दिखा उत्साह
मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ ही अब नए सत्र में बस्तर संभाग में मौजूद सभी बैगा, गुनिया, पुजारियों और मांझी बाजा मोहरिया हाट पाहार्या में शामिल लोगों की जानकारी ली जाएगी, और इन्हें राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाभ दिया जाएगा. बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि बस्तर जिले में ही ऐसे सैकड़ों गांव हैं जहां देव स्थलों में इन पुजारियों, बैगा ,गुनिया के द्वारा पूजा पाठ किया जाता है, और इनका बस्तर के ग्रामीणों क्षेत्रो तीज त्योहारों में काफी महत्व है. मुख्यमंत्री के घोषणा के बाद इस योजना का लाभ इन्हें मिले इसके लिए प्रशासन के द्वारा तैयारी की जाएगी.
योजना के तहत सालाना 7 हजार मिलेगी राशि
इधर मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को 6 हजार वार्षिक सहायता राशि दी जा रही थी, लेकिन अब इस राशि में भी बढ़ोतरी करते हुए अब 7 हजार रु वार्षिक सहायता राशि देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है, मुख्यमंत्री ने अपने बजट में बताया कि इस साल 3 लाख 54 हजार 513 भूमिहीन कृषि मजदूरों को 71 करोड़ 8 लाख की पहली किस्त की राशि का भुगतान भी किया जा चुका है.