बिलासपुर में बच्चों ने चित्र बनाकर अन्याय व अत्याचार से लड़ने का दिया संदेश

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 N.V News बिलासपुर: रविवार को नया सवेरा एक सांस्कृतिक पहल द्वारा देश के महान क्रांतिकारी खुदीराम बोस का बलिदान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर चित्रकला, कविता और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसमें छोटे-छोटे बच्चों ने कागज पर चित्र बनाकर समाज में हो रहे अत्याचार व अन्याय से लड़ने का संदेश दिया है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कार्यक्रम प्रभारी तामेश कश्यप ने कहा कि चित्रकार का कार्य केवल चित्र बनाना नहीं है। वह चित्र के माध्यम से समाज में होने वाले अन्याय, अत्याचार और संस्कृति के पतन को दिखाता है। साथ ही ऐसी समस्या के खिलाफ कैसे लड़ सकते हैं। इस बात को चित्र के माध्यम से समाज लोगों को संदेश देते हैं। कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद कहा करते थे कि जब तक मैं एक साहित्य लिख कर समाज को नहीं दे सकता, तब तक मुझे भोजन करने का अधिकार नहीं है। इसी सोच के साथ नया सवेरा एक सांस्कृतिक पहल द्वारा समाज को एक नई दिशा देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज भी हर बच्चे में कुछ न कुछ प्रतिभा छिपी हुई है। लेकिन उन प्रतिभा को समाज में ले जाने के लिए सही माध्यम नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण बच्चे समाज को नया स्वरूप नहीं दे पा रहे हैं।

नया सवेरा एक सांस्कृतिक पहल की ओर से बच्चों की प्रतिभा उभार कर समाज को नया स्वरूप देने के लिए आजादी के आंदोलन के क्रांतिकारी व साहित्यकार खुदीराम बोस के बालिदान दिवस के अवसर पर चित्रकला, गायन, निबंध, कविता प्रतियोगिता का आयोजन कराया जाता है। ताकि प्रतिभाशाली बच्चे उभर सकें और समाज को एक नई दिशा दे सकें। चित्रकला प्रतियोगिता दो वर्गों में हुई। प्रथम वर्ग की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सी. भवानी, द्वितीय स्थान हर्ष रजक, तृतीय स्थान हर्ष देवांगन और दूसरे वर्ग में प्रथम स्थान श्रेयांश गुप्ता, द्वितीय स्थान मयंक, तृतीय स्थान दिव्यांश गुप्ता ने प्राप्त किया। संस्था द्वारा सभी बच्चों को पुरस्कार सम्मानित किया गया।

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