Bhuinya app hacking:सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर निकाला 36 लाख

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NV News(Bhuinya app hacking):छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक बड़ा साइबर फ्रॉड मामला सामने आया है। जिले के नंदिनी थाना क्षेत्र में कुछ आरोपियों ने सरकारी भुइंया सॉफ्टवेयर को हैक कर उसमें हेरफेर की और उसके आधार पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए। इन जाली दस्तावेजों को असली बताकर बैंक से करीब 36 लाख रुपए का लोन निकाल लिया गया। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपी अब भी फरार हैं।

ऐसे किया सरकारी रिकॉर्ड से खिलवाड़

नंदनी थाना पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने पटवारी हल्का नंबर 16 के अंतर्गत आने वाले ग्राम अछोटी और मुरमुंदा के रिकॉर्ड में हेरफेर की। उन्होंने भुइंया ऐप में मौजूद मूल खसरा नंबरों में बदलाव कर नए खसरे तैयार कर लिए। इन खसरा नंबरों को असली भूमि दस्तावेज की तरह प्रस्तुत किया गया। बाद में इन्हीं कागजातों को आधार बनाकर बैंक से लोन लेने की साजिश रची गई और बैंक को ठगने में आरोपी सफल भी रहे।

आरोपी और उनकी भूमिका

धोखाधड़ी में शामिल आरोपियों के नाम दिनू राम यादव और एस राम बंजारे हैं। दोनों ने मिलकर पूरे सरकारी रिकॉर्ड में सेंध लगाई। फर्जी दस्तावेज तैयार करने के बाद इनकी मदद से बैंक अधिकारियों को गुमराह कर लोन स्वीकृत कराया गया।

धोखाधड़ी से निकली रकम को अलग-अलग खातों में बांटकर ट्रांसफर किया गया। इसमें से सबसे बड़ा हिस्सा यानी 20 लाख 26 हजार 547 रुपए नंद किशोर साहू के खाते में भेजा गया। जांच में सामने आया है कि नंद किशोर साहू ने इस रकम को अपनी कंपनी भिलाई-दुर्ग फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी में इन्वेस्ट किया। पुलिस ने 27 अगस्त को कार्रवाई करते हुए नंद किशोर साहू को गिरफ्तार कर लिया है।

संगठित गिरोह की ओर इशारा

जांच अधिकारियों का कहना है कि यह एक संगठित गिरोह का काम है, जो योजनाबद्ध तरीके से सरकारी सिस्टम में छेड़छाड़ कर अवैध लाभ उठाने का प्रयास कर रहा था। भुइंया जैसे संवेदनशील सॉफ्टवेयर को हैक करना और रिकॉर्ड बदलना यह साबित करता है कि इस गिरोह को तकनीकी जानकारी के साथ-साथ अंदरूनी प्रक्रियाओं की भी जानकारी थी।

पुलिस का मानना है कि केवल एक-दो लोगों के दम पर इतनी बड़ी धोखाधड़ी संभव नहीं है। इसलिए अन्य लोगों की तलाश की जा रही है, जिनकी भूमिका इस फर्जीवाड़े में हो सकती है।

आरोपी पर दर्ज हुआ मामला

गिरफ्तार आरोपी नंद किशोर साहू के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की प्रावधानों के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 66 (C) के तहत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल उसे पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है, ताकि पूरे गिरोह का खुलासा हो सके।

पुलिस की अगली कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी दिनू राम यादव और एस राम बंजारे अब भी फरार हैं। दोनों की तलाश में विशेष टीम गठित की गई है। इसके अलावा जिन खातों में धोखाधड़ी की रकम ट्रांसफर की गई थी, उनकी भी बारीकी से जांच की जा रही है। बैंक अधिकारियों और संबंधित पटवारी हल्का रिकॉर्ड की भी जांच होगी कि कहीं किसी स्तर पर लापरवाही या मिलीभगत तो नहीं हुई।

ग्रामीण और किसान समुदाय में चिंता

यह मामला सामने आने के बाद ग्रामीण और किसान वर्ग में भी चिंता देखी जा रही है। किसानों का कहना है कि यदि सरकारी रिकॉर्ड में इस तरह से छेड़छाड़ संभव है, तो भविष्य में असली किसानों की जमीनों पर भी फर्जी दावा किया जा सकता है। इससे न केवल किसान ठगे जाएंगे बल्कि सरकारी योजनाओं और बैंकों का भी नुकसान होगा।

साइबर सुरक्षा पर सवाल

यह घटना राज्य की साइबर सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। भुइंया ऐप को भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए लागू किया गया था। लेकिन अगर इसमें सेंध लगाकर दस्तावेजों से छेड़छाड़ संभव है, तो ऐसे मामलों से भविष्य में और भी बड़े स्तर पर धोखाधड़ी हो सकती है।

दुर्ग जिले में भुइंया ऐप हैकिंग का यह मामला केवल एक धोखाधड़ी का मामला नहीं है, बल्कि यह सरकारी तंत्र और साइबर सुरक्षा के लिए एक चेतावनी है। फिलहाल पुलिस की कार्रवाई जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर पूरा गिरोह बेनकाब किया जाएगा।

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