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NV News रायपुर Kanker Lok Sabha Election: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के अंतर्गत बस्तर सीट के लिए मतदान होने के बाद भाजपा और कांग्रेस ने दूसरे चरण के लिए ताकत झोंक दी है। कांकेर लोकसभा सीट के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा। भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग और कांग्रेस के बीरेश ठाकुर सुबह से लेकर देर रात तक चुनाव प्रचार में जुट हुए हैं। दोनों ही प्रत्याशी आधी आबादी को साधने की पूर जोर कोशिश में जुटे हैं। महतारी वंदन योजना से भोजराज नाग तो महालक्ष्मी न्याय योजना से बीरेश ठाकुर नारी शक्ति को साधने का प्रयास कर रहे हैं।
Kanker Lok Sabha Election: कांकेर में स्थानीय मुद्दे पूरी तरह से गायब हैं। भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय योजनाएं और केंद्र सरकार की ओर से दस वर्षों में किए गए कार्यों को लेकर तो कांग्रेस प्रत्याशी पांच न्याय 25 गारंटी को लेकर मतदाताओं के बीच पहुंच रहे हैं। बताते चलें कि प्रदेश में महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रत्येक माह एक हजार रूपये मिल रहा है। कांग्रेस ने सरकार बनने पर गरीब परिवार की एक महिला को प्रत्येक माह 8,333 रूपये देने की गारंटी दी है।
Kanker Lok Sabha Election: कांकेर सीट पर महिला मतदाताओं का दबदबा
कांकेर सीट पर महिला मतदाताओं का दबदबा देखने को मिला है। पिछले आंकड़ों पर यदि गौर करें तो साल-दर-साल महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। कांकेर लोकसभा में 16,50,692 मतदाता हैं। इसमें 8,07,549 पुरुष, 8,43,124 महिला और 19 अन्य शामिल हैं। वर्ष- 2014 के लोकसभा चुनाव में 69 प्रतिशत महिलाओं ने सांसद चुनने में अहम भूमिका निभाई थी।
जबकि, वर्ष- 2019 के लोकसभा चुनाव में यह प्रतिशत बढ़कर 73.32 प्रतिशत तक पहुंच गया था। नारी शक्ति जिसे चाहे उसे जीत दिला सकती है। प्रदेश में 11 लोकसभा क्षेत्रों में कांकेर ऐसी सीट है, जहां चुनाव हमेशा ही दिलचस्प होता है। इसका कारण यहां के प्रत्याशी और जनता का मूड है। कांकेर सीट पर केवल दो नेताओं ने एक से अधिक बार जीत दर्ज की है, जबकि अन्य प्रत्याशियों को कभी भी जनता ने दोबारा मौका नहीं दिया है।
आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल
कांकेर लोकसभा सीट में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिसमें कांकेर, अंतागढ़, केशकाल, सिहावा, संजारी बालोद, डौंडीलोहारा, गुंडरदेही और भानुप्रतापपुर शामिल हैं। कांकेर, अंतागढ़ और केशकाल सीट पर भाजपा के विधायक हैं, जबकि पांच सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
हमनाम प्रत्याशी ने बढ़ाया रोमांच
राजनीति में चुनाव के दौरान हर तरह के दांव पेच खेले जाते हैं। इसमें से एक दांव एक ही नाम से मिलते-जुलते प्रत्याशियों को मैदान में उतारने का भी है। हमनाम वाले प्रत्याशी भले ही चुनाव न जीत सके, लेकिन वोट काटने में माहिर होते हैं।
इस वजह से कई बार तगड़े प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ता है। इसके कारण जीतने वाले प्रत्याशी के वोटों में कमी आती है और चुनाव परिणाम चौंकाने वाले होते हैं। कांकेर लोकसभा के चुनावी मैदान में नौ प्रत्याशी हैं, जिसमें दो भोजराज है। एक भोजराज भाजपा के प्रत्याशी हैं, वहीं दूसरे भोजराज निर्दलीय हैं। यहां हमेशा भाजपा-कांग्रेस में मुकाबला रहता है।
कुल जनसंख्या का 42 प्रतिशत आदिवासी
चित्रोतपला यानी महानदी के तट से लगे हुए विशाल भूभाग का काफी हिस्सा कांकेर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। सुरक्षित सीट होने के कारण यहां से आदिवासी नेता ही चुनाव लड़ते रहे हैं। यहां की कुल जनसंख्या करीब 26 लाख है और आदिवासियों का प्रतिशत यहां करीब 42 प्रतिशत है। इस क्षेत्र का काफी हिस्सा आज भी नक्सलियों का दंश झेल रहा है।
इस क्षेत्र में महानदी बहती है तो गढ़िया पहाड़ यहां की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। प्राचीन काल में कंक ऋषि ने यहां पर आश्रम स्थापित कर तपस्या किया था। इस क्षेत्र को कौकर्य, कंकण और कंकारय के नाम से भी जाना जाता था। पहाड़ी पर स्थित किला यहां के इतिहास की गवाही देता है। पहाड़ पर नील गोंदी नामक जगह से दूध नदी निकलती है। यहां का मलांजकुडुम झरना पर्यटकों में बेहद लोकप्रिय है।
वर्ष पुरुष वोट प्रतिशत महिला वोट प्रतिशत
1999 65.14 47.87
2004 55.38 40.8
2009 60.52 53.81
2014 71.34 69.05
2019 74.85 73.32