छत्तीसगढ़ विधानसभा , विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बीच शुरू हुआ बजट सत्र, राज्यपाल ने सरकार की इन उपलब्धियों का किया जिक्र

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप के साथ शुरू हुआ. राज्यपाल अनुसुईया उइके के अभिभाषण के पहले ही विपक्ष का हंगामा मचाया.

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आपसे सरकार गलत बुलवाना चाहे तो नहीं बोलियेगा. वहीं बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने राजभवन पर सियासत के आरोप के मसले को उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की.

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों का बखान किया. उन्होंने बताया कि खरीफ वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में अब तक का सबसे बड़ा कीर्तिमान बना है. जिसके अनुसार लगभग 21 लाख 77 हजार किसानों ने 97 लाख 98 हजार मीट्रिक टन धान बेचा है. किसानों की सुविधाएं और आय बढ़ाने के लिए 173 नवीन धान खरीदी केंद्र खोले गए. वहीं धान के साथ ही अन्य खरीफ फसलों को भी ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ का लाभ लगातार दिया जा रहा है, इसमें उद्यानिकी तथा लघु
धान्य फसलों को भी शामिल किया गया है.

किसानों को ब्याजमुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष 5 हजार 900 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अभी तक 85 प्रतिशत राशि दी जा चुकी है. लगभग 6 दशक बाद प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का पुनर्गठन किया गया है, जिससे 725 नवीन समितियां भी कृषि ऋण वितरण व अन्य योजनाओं के संचालन में सहयोग दे रही हैं. भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में प्रथम एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए एमओयू के तहत कार्य प्रगति पर है, वहीं अतिशेष धान से भी एथेनॉल उत्पादन के लिए काफी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि धान के बम्पर उत्पादन का बेहतर उपयोग किया जा सके.

सरकार ने प्रदेश के 14 आदिवासी बहुल जिलों के 25 विकासखण्डों में 1 हजार 735 करोड़ रुपए की लागत से ‘चिराग परियोजना’ की शुरुआत कर दी है, जिससे आदिवासी अंचलों में आजीविका के नए साधन बनेंगे. सरकार ने ‘सुराजी गांव योजना’ के माध्यम से नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी को बचाने का जो संकल्प लिया था, वह सफलता के नए-नए शिखरों को छू रहा है. नाला उपचार के हजारों कार्यों से भू-जल स्तर बढ़ा है.

‘गोधन न्याय योजना’ का लगातार विस्तार किया जा रहा है, जिससे गोबर विक्रेताओं को लगभग 127 करोड़ रुपए की राशि सीधे प्रदान की गई है. वहीं वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट तथा सुपर कम्पोस्ट प्लस उत्पादन, विक्रय तथा इसके उपयोग पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है, ताकि रासायनिक खाद की कमी से निपटने में जैविक खाद का विकल्प तैयार किया जा सके. इसके अलावा गोबर से बिजली, प्राकृतिक पेंट तथा अन्य सामग्रियों के उत्पादन और विक्रय को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

‘ग्रामीण औद्योगिक पार्क’ विकसित किए जा रहे हैं. ‘गोधन न्याय मिशन’ से इस अभियान को नई ऊंचाई मिलेगी. घुरुवा से 6 लाख मीट्रिक टन जैविक खाद का निर्माण किया गया है. 3 लाख बाड़ियों का विकास किया जा चुका है, जिससे गांवों में सब्जी तथा फलों की उपलब्धता बढ़ी है. सरकार ने ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ की शुरुआत इसी वित्तीय वर्ष से करने का वादा भी निभाया है. इस योजना के तहत पंजीकृत व्यक्ति को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए देने का प्रावधान है, जिसकी पहली किस्त के रूप में प्रथम भुगतान हितग्राहियों को किया जा चुका है.

इसके पहले विधानसभा समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे के साथ पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक मौजूद थे.

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