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NV News Chhattisgarh : बलरामपुर जिले में एक नाबालिग लड़की की लाश फांसी में लटकी मिली. पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों की अनुपस्थिति में लाश को फांसी से उतारकर अस्पताल ले गई. जहां मोर्चरी में लावारिस छोड़कर चली गई. इसके बाद लड़की के पिता पहुंचे और लाश को गंगा नदी में ले जाकर बहा दिया. अब पुलिस लाश को गंगा नदी में गोताखोरो के माध्यम से खोज रही है, लेकिन कोई पता नहीं चल रहा.
अफसर कह रहे हैं कि लाश को खोजने पुलिस टीम फिर से जाएगी, दूसरी तरफ नाबालिग लड़की अपने जिन परिजनों के साथ रहती थी, वे हत्या कर लाश को फांसी में लटकाने और पुलिस पर लाश को अस्पताल में लावारिश छोड़ने का आरोप लगा रहे हैं, जिसके कारण लाश को पिता के द्वारा गंगा नदी में ले जाकर बहाने की बात की जा रही है, क्योंकि लाश से बदबू आने लगा था.
जानिए क्या है पूरा मामला
बलरामपुर जिले के राजपुर पुलिस थाना क्षेत्र के बूढ़ाबगीचा निवासी रामेश्वर गुप्ता के मकान में यूपी के मिर्जापुर जिले के राजगढ़ गांव निवासी जालिम सिंह अपनी पत्नी गीता देवी व अपनी भतीजी राधा कुमारी के साथ रहते थे. जालिम सिंह वाहन चलाने का काम करता है, और जिस दिन उसकी भतीजी की लाश फांसी पर लटकी मिली, उस दिन घर में सिर्फ वह अकेली थी, उसकी पत्नी गीता देवी तीर्थयात्रा में गई थी. सात अप्रैल को मकान मालिक के बेटे प्रशांत गुप्ता ने मोबाइल फोन कर बताया कि आपकी भतीजी ने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. सूचना उपरांत मौके पर पुलिस पहुंची और ग्रामीणों की मदद से लाश को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाकर लावारिस हालत में छोड़कर पुलिस बगैर मर्ग, पंचनामा, पोस्टमार्टम कराएं वापस लौट गई. इसके बाद पुलिस के द्वारा कार्यवाही नहीं करने पर यूपी से मृतिका के पिता पहुंचे और लाश को अपने साथ ले गए जहां उन्होंने यूपी के मिर्जापुर में गंगा नदी में विसर्जन कर दिया. इस बीच पुलिस की लापरवाही की शिकायत परिजन ज़ालिम सिंह ने एसपी से की तो पुलिस की टीम यूपी पहुंचकर गंगा नदी में उसके शव की तलाश की लेकिन उसका पता नहीं चला. वहीं बड़ी बात की इस मामले में पुलिस के जिम्मेदार अफसर पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है.
छात्रा के परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप
खुशबु सिंह ने बताया कि भतीजी हमारे साथ रहती थी, क्लास 7 में इस साल पढ़ती. यूपी जाकर अब पुलिस मृतिका के परिजनों को धमकी दे रही है, कि फंसा देंगे, और यहां से पुलिस वहां जाकर नदी में लाश नहीं खोज रही है, बल्कि परिजनों को ही लाश को खोजने के लिए कह रही है, जबकि छात्रा के परिजन इसलिए वहां ले गए और नदी में बहा दिए क्योंकि पुलिस यहां पोस्टमार्टम तक नहीं करा रही थी, और मृतिका के पिता यूपी का होने की वजह से यहां के लोगों और थाना पुलिस में उनकी पहचान नहीं थी. इसलिए वे अस्पताल से लाश सीधे वहां ले गए.
परिजनों का आरोप है कि हत्या कर लाश को फांसी पर लटका दिया गया था. बच्ची की दोनों पैर जमीन पर खड़ा था. मौके पर एक सुसाइड नोट मिला, उसकी राइटिंग का मिलान बच्ची की कॉपी से किया गया तो राइटिंग अलग था. ज़ालिम सिंह ने बताया कि राजपुर थाना प्रभारी सुधीर मिंज के पास पहुंचकर हत्या कर फांसी पर लटकाने का अंदेशा जताया तो उन्होंने थाने से भगा दिया. पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप बच्ची की मौत की जांच की मांग करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र पांडेय ने बताया कि किशोरी को ढूढ़ने के लिए राजपुर से चार पुलिकर्मी मिर्जापुर के गंगा नदी गए हुए थे, वहां पुलिस की मदद से गोताखोर की टीम ने किशोरी की लाश को ढूढ़ने का काफी प्रयास किया. मगर नदी में अधिक पानी व रेत होने के कारण किशोरी की लाश नही मिल पाई है. दोबारा पुलिस जाकर किशोरी की लाश को ढूंढेगी.