छत्तीसगढ़ सरकार ने जुट कमिश्नर को धान खरीदी के लिए 5.5 लाख गठान बरदाना आपूर्ति के लिए लिखी चिट्ठी- नववर्ष न्यूज

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N.V.News बिलासपुर: इस बार 1 नवंबर से राज्य सरकार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की समितियों के माध्यम से किसानों का धान खरीदेगी। राज्य शासन की व्यवस्था पर नजर डालें तो इस वर्ष भी पुराने और नए मार्ग आने से किसानों का धान समितियों में खरीदी जाएगी राज्य शासन ने नए बारदानों के लिए जूट कमिश्नर को पत्र लिखकर अपनी मांग बता दी है। पांच लाख 50 हजार गठानों की जरूरत सरकार को होगी।

 

1 नवंबर से धान खरीदी की घोषणा के साथ ही सभी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत आने वेस्ली समितियों में तैयारियां शुरू हो गई है। राज्य शासन ने इस वर्ष धान खरीदी के लिए 110 लाख टन का लक्ष्य निर्धारित किया है। खरीदी के लिए तकरीबन पांच लाख 50 हजार गठान बारदाने की जरूरत पड़ेगी। धान खरीदी के लिए बारदानों की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी मार्कफेड को दी गई है। खरीदी के दौरान बीते वर्ष जिन बारदानों का उपयोग समितियों ने किया था,इस बार भी उसी बारदाने में धान खरीदी का निर्देश सरकार ने जारी किया है।

अब तक जूट कमिश्नर ने राज्य सरकार की मांग पर एक लाख 30 हजार गठान बारदाने की आपूर्ति कर दी है। खाद्य विभाग के सचिव टीके वर्मा ने बताया की किसानों का धान। समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए बारदाने की व्यवस्था करनेबकी जिम्मेदारी मार्कफेड को दी गई है।

 

केंद्र सरकार ने बीते वर्ष की तरह ही साल सेंट्रल पुल में चावल लेने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। प्रदेश भर में संचालित उचित मूल्य की दुकानों से भी बारदाना खरीदी जा रही है। मालूम हो कि बीते तीन वर्षों से राज्य सरकार द्वारा राशन दुकानों से बारदानों की खरीदी की जा रही है। नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा उचित मूल्य दुकानों को चावल व अन्य खाद्यान्नों की की जा रही आपूर्ति के बाद बारदानों का हिसाब रखा जाने लगा है। राशन दुकानों से बारदाना खरीदने की जिम्मेदारी राज्य शासन ने खाद्य विभाग को दिया है।

 

2 लाख टन चावल जमा करना शेष

केंद्रीय पुल में छत्तीसगढ़ सरकार को 65.25 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करना है। अब तक लक्ष्य के विरुद्ध तकरीबन 63 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करा दिया गया है। राज्य से अब एफसीआई को दो लाख मीट्रिक टन चावल सीएमआर में जमा किया जाना शेष है। कस्टम मिलिंग के लिए लिए राज्य के राइस मिलर्स को 97.30 लाख मोट्रिक टन धान की आपूर्ति की गई है। जिसके एवज में मिलर्स को 65.25 लाख मीट्रिक टन चावल मिलर्स को जमा कराना है।

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