छत्तीसगढ़ में पर्यटन को नई उड़ान: 45 युवा बने प्रशिक्षित टूरिस्ट गाइड, मुख्यमंत्री की पहल से बढ़ेगा रोजगार

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल के तहत छत्तीसगढ़ में पर्यटन संवर्धन की दिशा में बड़े पैमाने पर प्रयास जारी हैं। राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगल, जलप्रपात और सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार लगातार कदम बढ़ा रही है। इसी उद्देश्य से देश के कई महानगरों में छत्तीसगढ़ पर्यटन स्थलों से जुड़ी प्रदर्शनी और कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोग यहां पर्यटन के लिए आकर्षित हो सकें।

सरकार की इन पहलों को मजबूती देने के लिए पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान किया गया है और नई औद्योगिक नीति में पर्यटन क्षेत्र को कई रियायतें देने का प्रावधान भी शामिल किया गया है। साथ ही होम-स्टे पॉलिसी लागू कर बस्तर और सरगुजा अंचल में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

45 युवाओं को मिला विशेष टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण

पर्यटन क्षेत्र में युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने 45 युवाओं को आईआईटीटीएम, ग्वालियर में एक महीने के विशेष टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण के लिए भेजा था। इनमें अधिकांश युवा बस्तर संभाग के हैं। प्रशिक्षण पूरा कर यह दल अब छत्तीसगढ़ लौट आया है और इन्हें राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर गाइड के रूप में तैनात किया जाएगा।

मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री ने दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल ने प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की नैसर्गिक सुंदरता और सांस्कृतिक संपदा दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता रखती है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं, जिससे राज्य में रोजगार एवं व्यापार के नए अवसर खुलेंगे।

मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षित युवाओं से आग्रह किया कि वे पर्यटन स्थलों की विशेषताओं और उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी पर्यटकों को विस्तार से दें, जिससे पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि हो सके।

 

7 साल बाद आयोजित हुआ विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने लगभग 7 वर्षों बाद यह विशेष टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है। प्रशिक्षण में युवाओं को—

  • पर्यटक मार्गदर्शन
  • संप्रेषण कौशल
  • सांस्कृतिक विरासत
  • पर्यटन प्रबंधन
  • फील्ड विज़िट और व्यवहारिक प्रशिक्षण

जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।

इन युवाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को नई पहचान मिलेगी तथा राज्य का पर्यटन उद्योग नई ऊँचाइयों को छू सकेगा।

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