ऊर्जा सुधारों में छत्तीसगढ़ ने रचा कीर्तिमान: न्यूनतम टैरिफ वृद्धि, गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति और उद्योगों को राहत

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NV News रायपुर, 16 जुलाई 2025 –(मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य में ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे व्यापक सुधारों और नई टैरिफ नीति की घोषणा करते हुए कहा कि वर्ष 2025-26 के लिए विद्युत दरों में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कि विगत वर्षों की तुलना में सबसे न्यूनतम है। इस निर्णय को पारदर्शी जनसुनवाई प्रक्रिया के बाद लागू किया गया है और इसे विभिन्न वर्गों—घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर उद्योगों तक—से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

Announcement of Tariff Policy

आम जनता और किसानों को बड़ी राहत

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि घरेलू बिजली दरों में केवल 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की मामूली वृद्धि की गई है, जबकि कृषि पंपों के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। हालांकि किसानों को इसका कोई आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ेगा क्योंकि यह राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से ही अग्रिम रूप से अदा की जाती है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को किसी भी प्रकार का अतिरिक्त आर्थिक भार न झेलना पड़े। राज्य सरकार उनकी हितैषी है और सदैव रहेगी।”

उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की दिशा में पहल

ऊर्जा-गहन उद्योगों जैसे कि मिनी स्टील प्लांट, रोलिंग मिल और फेरो एलॉय उद्योगों के लिए बिजली दरों में कटौती की गई है। मुख्यमंत्री ने इसे उद्योगों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता करार दिया और कहा कि इससे न केवल उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य की औद्योगिक प्रतिस्पर्धा भी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होगी।

गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति और हानियों में कमी

राज्य में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में ऐतिहासिक सुधार दर्ज किए गए हैं। शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.85 घंटे प्रतिदिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे प्रतिदिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। वहीं कृषि फीडरों पर प्रतिदिन 18 घंटे की सप्लाई दी जा रही है, जो देश में सर्वोच्च है।

तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों (AT&C Loss) में भी उल्लेखनीय कमी आई है। वर्ष 2020-21 में यह हानि 23.14% थी, जो कि 2024-25 में घटकर 13.79% हो गई है। मुख्यमंत्री ने इसे दक्ष प्रबंधन, पारदर्शी नीति और तकनीकी सुधारों का परिणाम बताया।

अधोसंरचना के विकास में भारी निवेश

ऊर्जा अधोसंरचना को और अधिक मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा केपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान लागू किया गया है, जिसके तहत:

  • ट्रांसमिशन कंपनी के लिए ₹2433 करोड़
  • डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए ₹3977 करोड़
  • जनरेशन कंपनी के लिए ₹2992 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

कोरबा में 1320 मेगावॉट क्षमता वाले नए प्लांट की स्थापना का कार्य भी शुरू हो चुका है, जिसकी अनुमानित लागत ₹15,800 करोड़ है। यह संयंत्र छत्तीसगढ़ को भविष्य में ऊर्जा-सरप्लस राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए डबल अनुदान योजना शुरू की है। योजना के तहत:

  • 3 किलोवाट तक के संयंत्र पर ₹78,000 तक केंद्र सरकार से सब्सिडी,
  • अतिरिक्त 2 किलोवाट तक के संयंत्र पर ₹30,000 तक राज्य सरकार से अनुदान मिलेगा।

यह योजना उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

तीन लाख करोड़ के करार, रोजगार में आएगी क्रांति

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि राज्य शासन व पॉवर कंपनियों द्वारा ₹3 लाख करोड़ से अधिक के करार किए गए हैं। इससे छत्तीसगढ़ में ऊर्जा उत्पादन में बृद्धि के साथ-साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है कि राज्यवासियों को गुणवत्तापूर्ण, सस्ती और टिकाऊ बिजली उपलब्ध हो। वर्तमान टैरिफ नीति, अधोसंरचना विकास और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों से छत्तीसगढ़ न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि देश में ऊर्जा सुधारों का अग्रणी राज्य भी बनेगा।

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