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N.V.News उदयपुर: सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत लक्ष्मणगढ़ स्थित प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास से दस बोरी चावल बिक्री करने की कोशिश करने का आरोप ग्रामीणों व पंचायत प्रतिनिधियों ने लगाया है।मामले में आटो में लोड दस बोरी चावल पकड़ पुलिस को सूचना भी दे दी गई है।इस घटना को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है।
मामले का राजफाश उस समय हुआ जब गुरुवार की शाम एक आटो लक्ष्मणगढ़ प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास परिसर में घुसी। आसपास रहने वाले लोगों को संदेह हो गया।आटो में चालक के अलावा कोई और नहीं था।ऐसे में लोग आटो के बाहर निकलने की प्रतीक्षा करने लगे। थोड़ी देर बाद जब कन्या छात्रावास परिसर से आटो बाहर निकली तो गांव वालों ने उसे रोक लिया। उसकी जांच की गई तो प्लास्टिक के 10 बोरे में चावल भरा हुआ था। इस चावल को जूट के बोरे से प्लास्टिक के बोरे में खाली किया गया था। यह चावल छात्रावास में रहने वाली बालिकाओं के लिए उपलब्ध कराया गया था। घटना की सूचना मिलते ही सरपंच हरिहर प्रसाद, सचिव के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण भी जमा हो गए थे।
जब आटो चालक से पूछताछ शुरू की गई तो शुरू में तो वह कुछ भी जानकारी देने से इनकार करता रहा, जब गांव वालों ने सच्चाई बताने आग्रह किया तो उसने स्वीकार किया कि एक किराना दुकान संचालक द्वारा उसे छात्रावास से चावल लेकर आने के लिए कहा था।वह तो किराया पर ऑटो लेकर यहां आया था। मामले में नाराज ग्रामीणों ने तत्काल उदयपुर पुलिस को सूचना दी। उदयपुर थाने के पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बालिकाओं के लिए उपलब्ध कराए गए चावल को अधीक्षिका द्वारा संबंधित किराना दुकान में बेचा जा रहा था। मामला बढ़ता देख अधीक्षिका गीता सिदार की ओर से भी बयान आया। उनका कहना था कि बालिकाओं को खिलाने के लिए उपलब्ध कराए गए चावल की साफ सफाई कराने के लिए भेजा जा रहा था।
उन्होंने ग्रामीणों के आरोपों से भी इनकार किया। ग्रामीणों को नाराजगी इस बात की है कि बालिकाओं के हिस्से का चावल गलत तरीके से छात्रावास से क्यों निकाला गया, इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। क्योंकि यदि चावल की साफ-सफाई कराई जानी थी तो उसे किराना दुकान भेजने का औचित्य समझ से परे है।