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N.V.News रायपुर: राज्यपाल अनुसुईया उइके आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन के समापन अवसर पर शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज लंबे समय से विकास की मुख्यधारा से वंचित रहे, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में सकारात्मक बदलाव आए हैं. संविधान में आदिवासी समुदायों को कई अधिकार दिए गए हैं.साथ ही कई सामाजिक संस्थाओं ने भी जनजातियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, जिससे आदिवासियों को कई अधिकार मिले हैं, परंतु आज भी आदिवासियों को अपेक्षित अधिकार नहीं मिल पाया है।
राज्यपाल उइके ने कहा, जल, जंगल और जमीन आदिवासियों के जीवन के प्रमुख अंग हैं. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पेसा कानून में अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों को उनके अधिकार उपलब्ध कराने के लिए ग्राम सभा को पर्याप्त शक्ति दी गई है. इसे लागू करने के लिए शासन-प्रशासन को और भी गंभीर होना होगा।
राज्यपाल उइके ने राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन में शामिल होकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आदिवासी समाज के सांस्कृतिक-सामाजिक विकास और जागरूकता के लिए बेहद आवश्यक हैै. उन्होंने आदिवासी समाज की महान विभूतियों को नमन करते हुए कहा कि यह समाज, प्राचीनकाल से प्रकृति के साथ जीवन-यापन कर रहा है. यह समाज निरंतर प्रकृति के साथ रहते हुए अपने परिवेश की देखभाल कर उसके संरक्षण और संवर्धन का काम किया है. उन्होंने कहा कि इस जनजातीय समुदाय के लोग बेहद ही सहज, सरल और निश्छल स्वभाव के होते हैं. वे अपने रीति-रिवाजों और मान्यताओं के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत करते हैं।