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N.V.News नारायणपुर: जिले में नाबालिग स्कूली छात्राओं से शिक्षकों ने ऐसी हरकत की है, जिसे सुनकर किसी का भी सिर शर्म से झुक जाए। स्कूल के पुरुष शिक्षक छात्राओं से उनके मासिक धर्म को लेकर पूछताछ करते रहे। मासिक धर्म आने पर फाइन लगाना, आए दिन बैड टच करना। ऐसा एक-दो दिन नहीं, यहां सालों से चल रहा था। बच्चियां सब कुछ सहती रहीं, लेकिन उनका दर्द फूट पड़ा। जब हाल ही में यूनिसेफ की टीम स्कूल के दौरे पर पहुंची, लेकिन नाइंसाफी देखिए शिकायतों और जांच रिपोर्ट के बाद भी पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है।
नारायणपुर के ग्रामीण इलाके में हुई घटना ने सिर शर्म से झुका दिया है। यहां सालों से शिक्षकों की अश्लील हरकत के कारण स्कूल की छात्राओं का जीना दूभर रहा। अपने साथ हुए अनाचार से वो रोज तिल तिल कर मरती रहीं। शिक्षकों ने यहां किस तरह से 8 से ज्यादा बच्चियों के साथ हरकतें की आप सुनेंगे तो सन्न रह जाएंगे।
शिक्षक छात्राओं को घर बुलाते थे:
आरोपों के मुताबिक नाबालिग छात्राओं से उनके मासिक धर्म के बारे में पुरुष टीचर पूछते थे। मासिक धर्म आने और उसे नहीं बताने पर 500 रुपए का फाइन बच्चियों पर लगाया जाता था। इंसान की शक्ल में ये भेड़िए शिक्षक नाबालिग छात्राओं से बैड टच करवाते थे, एक शिक्षक छात्रा को घर भी बुलाता था।छात्राओं को डराया धमकाया भी जाता था। हालांकि रेप की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
यूनिसेफ की टीम ने स्कूल का दौरा किया:
बच्चियों ने इस आपबीती का खुलासा तब किया जब यूनिसेफ की एक टीम स्कूल के दौरे पर पहुंची, जिसके बाद संज्ञान लेते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम छात्राओं से मिली और उनके बयान लिए। इसमें 3 शिक्षक आरोपी बताए जा रहे हैं, टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट भी दे दी है। लेकिन पुलिस ने अब तक कोई FIR दर्ज नहीं की है। पीड़ित छात्राओं के परिजन और गांव के लोगों ने शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपना दर्द बयां किया है।
स्कूल के हेड मास्टर और दो अन्य शिक्षक फरार:
बच्चियों से यौन प्रताड़ना के इस केस में सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस की एक टीम भी मौके पर पहुंची और गंभीर आरोप लगाए। घटना के बाद से स्कूल के हेड मास्टर और दो अन्य शिक्षक फरार बताए जा रहे हैं.. पुलिस के मुताबिक उन्हें शिकायत मिली है। लेकिन FIR के लिए वो जांच का इंतजार कर रही है। बस्तर में आदिवासी छात्राओं के यौन उत्पीड़न की ये पहली घटना नहीं है। साल 2013 का झलियामारी कांड हो या 2023 का सुकमा के एर्राबोर में पहली क्लास की छात्रा से रेप का केस। ऐसी कई घटनाएं इंसानियत को शर्मसार करती रही हैं, जो सभ्य समाज के माथे पर एक कलंक की तरह है।