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N.V.न्यूज़ रायपुर : आंजनेय विश्वविद्यालय में गुरुवार को प्रबंध गुरु पंडित विजयशंकर मेहता का व्याख्यान का आयोजन किया गया। उन्होंने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को संंबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों के पास विद्यार्थी की शक्ति को सही दिशा में रुपांतरित करने का गुण होना चाहिए ताकि वह अपने शिष्यों को सही मार्ग प्रशस्त कर सकें।
अब विद्यार्थी को अपने जीवन में आलस्य का त्याग करने की आवश्यकता है। आज के दौर में व्यक्ति को बेहतर जीवन ज्ञापन करना है तो उसे समय के अनुसार पढ़ने-लिखने की आवश्यकता है
और विद्या का कोई विकल्प नहीं है। वहीं विद्यार्थियों को अपने जीवन में तीन महत्वपूर्ण गुण परिश्रम,प्रार्थना और प्रतीक्षा को आत्मसात करने की जरूरत है। वही उन्होंने कहा कि हनुमान जी के जीवन प्रसंगों से विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रेरणा लेकर लक्ष्य आधारित जीवन जीना चाहिए।
कार्यक्रम की शुरुआत में अंजनेय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अभिषेक अग्रवाल ने विश्वविद्यालय के सूत्र वाक्य विद्या परमं बलम को रेखांकित किया।
कार्यक्रम के अंत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. टी रामा राव ने पंडित विजय शंकर मेहता का आशीर्वचनों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
विश्वविद्यालय के महानिदेशक डॉ. बीसी जैन, कुलपति सुमित श्रीवास्तव, डॉ. रूपाली चौधरी, डॉ. निधि शुक्ला, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक सहित विद्यार्थी उपस्थित रहेंगे।