CG Youth Hostel Scheme: ट्रायबल यूथ हॉस्टल बना सपनों की उड़ान का मंच, SC-ST-OBC युवाओं को मिल रहा सिविल सेवा तक का रास्ता

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रायपुर। देश की राजधानी नई दिल्ली में संचालित ट्रायबल यूथ हॉस्टल आज समाज के वंचित और कमजोर वर्गों के युवाओं के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिभाशाली युवाओं को यहां रहकर सिविल सेवा सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का सुनहरा अवसर मिल रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में वंचित वर्ग के युवाओं को बेहतर अवसर देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। नई दिल्ली स्थित ट्रायबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 200 कर दी गई है। इनमें अनुसूचित जनजाति के लिए 100, अनुसूचित जाति के लिए 60 और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 40 सीटें निर्धारित की गई हैं।

वर्तमान में कुल स्वीकृत 200 सीटों में से 165 विद्यार्थी हॉस्टल की सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।

प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि यह हॉस्टल ग्रामीण और अत्यंत सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले युवाओं के सपनों को नई दिशा दे रहा है। ट्रायबल यूथ हॉस्टल में रहकर तैयारी कर रहे प्रकाश पटेल और हरविंदर सिंह ने सिविल सेवा परीक्षा 2025 की मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त की है और अब वे साक्षात्कार के लिए चयनित हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि ट्रायबल यूथ हॉस्टल की शुरुआत वर्ष 2013-14 में की गई थी। अब तक इस योजना के माध्यम से 164 से अधिक विद्यार्थी विभिन्न शासकीय पदों पर चयनित हो चुके हैं।

यह हॉस्टल चयन प्रक्रिया के तहत प्रवेश देता है, जिसमें प्री-सेलेक्शन परीक्षा आयोजित की जाती है।

हॉस्टल में चयनित युवाओं को निःशुल्क आवास, पौष्टिक भोजन, अध्ययन कक्ष, पुस्तकालय, अनुभवी शिक्षकों द्वारा कोचिंग और नियमित मार्गदर्शन जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक समानता और सशक्तिकरण की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो रही है।

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