CG Transport Department: बसों में बढ़ते हादसे! स्लीपर और एसी बसों की होंगी पूरी जांच…NV News
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CG Transport Department: देशभर में स्लीपर और लक्जरी बसों में आग लगने की घटनाओं ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने प्रदेश में संचालित सभी स्लीपर और एसी बसों की व्यापक सुरक्षा जांच शुरू करने का निर्णय लिया है। विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी बस को संचालन की अनुमति तभी दी जाएगी, जब वह सभी सुरक्षा मानकों पर खरी उतरेगी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में रोजाना 600 से अधिक स्लीपर बसें विभिन्न मार्गों पर चलती हैं, जिनसे लाखों लोग यात्रा करते हैं। इनमें से कई बसें पड़ोसी राज्यों- मध्यप्रदेश, ओड़िशा, झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश तक जाती हैं। हाल के हादसों को देखते हुए अब हर बस में फायर सेफ्टी उपकरण, आपातकालीन निकास व्यवस्था और इलेक्ट्रिकल वायरिंग सिस्टम की नियमित जांच की जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि रियर इंजन बसों में आग लगने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि इंजन के पास ही ईंधन टैंक और इलेक्ट्रिक कनेक्शन रहते हैं। हालांकि ऐसी बसें राज्य में सीमित हैं, फिर भी विभाग ने सभी ऑपरेटरों को स्पार्किंग या वायरिंग जैसी तकनीकी खामियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। बस ड्राइवरों और स्टाफ को भी सेफ्टी प्रोटोकॉल की ट्रेनिंग देने की तैयारी की जा रही है।
लक्जरी बसों की कीमत 50 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक होती है और इन्हें यात्रियों की आरामदायक यात्रा के लिए तैयार किया जाता है। लेकिन हाल के हादसों ने यह साबित किया है कि आराम से ज्यादा जरूरी सुरक्षा है। रेल टिकट न मिलने पर अब लोग 400 से 1200 किलोमीटर तक की लंबी यात्राएं बसों से कर रहे हैं, जिससे इनकी सुरक्षा और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
परिवहन विभाग ने सभी जिलों के आरटीओ को निर्देशित किया है कि वे जल्द से जल्द बसों की जांच पूरी कर रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपें। अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने कहा, “स्लीपर और एसी बसों में सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य है। यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
इस सख्त कार्रवाई से उम्मीद है कि प्रदेश में बस यात्रा और सुरक्षित बनेगी और हादसों की संभावना में कमी आएगी।
