CG TET Crisis : SC का बड़ा आदेश, नौकरी बचाने को यूपी पर टिकी नजरें…NV News 

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रायपुर/(CG TET Crisis): छत्तीसगढ़ के करीब एक लाख शिक्षकों की नौकरी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने उन शिक्षकों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं जिन्होंने अभी तक शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास नहीं की है। कोर्ट ने साफ किया है कि जो शिक्षक पांच साल के भीतर TET पास नहीं करेंगे, उन्हें नौकरी छोड़नी होगी या अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेनी पड़ेगी। इस फैसले के बाद शिक्षकों में गहरी चिंता है और अब उनकी निगाहें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर टिकी हैं।

यूपी में भी लाखों शिक्षक TET पास नहीं:

उत्तर प्रदेश में भी 2.5 लाख से ज्यादा शिक्षक बिना TET पास किए पढ़ा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर वहां भी दिखने लगा है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन शिक्षकों को राहत दिलाने के लिए रिवीजन याचिका दाखिल करने का फैसला किया है।छत्तीसगढ़ के शिक्षकों का मानना है कि अगर यूपी के शिक्षकों को कोर्ट से राहत मिलती है, तो यह उनके लिए भी राहत की किरण साबित होगी।

छत्तीसगढ़ सरकार अलर्ट, शिक्षा मंत्री ने मांगी रिपोर्ट:

छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने इस मामले में अधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।वहीं, शालेय शिक्षक संघ ने सरकार से मांग की है कि कार्यरत शिक्षकों को TET की अनिवार्यता से राहत दी जाए और विभागीय परीक्षा का विकल्प दिया जाए।

संगठन के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि सरकार को तुरंत इस फैसले पर कानूनी राय लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए ताकि किसी भी शिक्षक की नौकरी पर नकारात्मक असर न पड़े।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्या कहता है:

सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर 2025 को देशभर के शिक्षकों से जुड़ा ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।इस आदेश के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:-

• जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच साल से ज्यादा बची है, उन्हें हर हाल में TET पास करना होगा।ऐसा न करने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा या अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।

• और जिनकी सेवा अवधि पांच साल से कम है, उन्हें TET पास करना अनिवार्य नहीं होगा।लेकिन अगर वे पदोन्नति चाहते हैं, तो उन्हें परीक्षा देनी होगी।

• यह नियम सभी सरकारी और गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों पर लागू होगा।

• अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त स्कूल इससे बाहर रहेंगे।

TET परीक्षा की नई तैयारी:

• सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने अगली TET परीक्षा की तैयारियां तेज कर दी हैं।

• अधिसूचना दिसंबर 2025 तक जारी होने की संभावना है।

• परीक्षा का आयोजन 1 फरवरी 2026 को प्रस्तावित है।

• अब तक राज्य में TET परीक्षा 2011, 2014, 2016, 2017, 2019, 2022 और 2024 में हो चुकी है।

• एक बार TET पास करने के बाद इसकी वैधता आजीवन रहेगी।

खाली पदों पर भर्ती भी शुरू:

राज्य के सरकारी स्कूलों में 40,000 से ज्यादा पद खाली हैं।सरकार इस साल 5,000 नए शिक्षकों की भर्ती की योजना बना रही है।वर्तमान में सरकारी स्कूलों में 1,88,721 शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से 1,86,657 राज्य सरकार के स्कूलों में हैं।नए नियमों के कारण अब शिक्षक भर्ती में भी TET परीक्षा मुख्य पात्रता मानदंड बन जाएगी।

शिक्षकों की बढ़ती बेचैनी:

फैसले के बाद शिक्षकों में भारी असंतोष और बेचैनी है।

• कई शिक्षक मानते हैं कि TET परीक्षा कार्यरत शिक्षकों पर लागू नहीं होनी चाहिए, खासकर उनके लिए जो लंबे समय से सेवा दे रहे हैं।

• कुछ शिक्षकों का कहना है कि सरकार को उन्हें विशेष छूट या विभागीय परीक्षा का विकल्प देना चाहिए।

• संगठन का तर्क है कि यह फैसला लागू होने पर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के स्कूलों में शिक्षक संकट गहराएगा।

भविष्य की राह,यूपी केस पर टिकी नजरें:

छत्तीसगढ़ के शिक्षक अब यूपी सरकार के कदम का इंतजार कर रहे हैं।अगर सुप्रीम कोर्ट में यूपी की रिवीजन याचिका स्वीकार होती है और शिक्षकों को राहत मिलती है, तो यह छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के लिए मिसाल बनेगा।वहीं, अगर राहत नहीं मिली, तो आने वाले वर्षों में TET परीक्षा को पास करना हर शिक्षक के लिए अनिवार्य हो जाएगा और असफल रहने पर नौकरी गंवाने का खतरा बढ़ जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में शिक्षा व्यवस्था में TET परीक्षा का महत्व और बढ़ेगा।अब यह सिर्फ नई भर्ती के लिए नहीं बल्कि नौकरी बनाए रखने और पदोन्नति के लिए भी जरूरी होगी।ऐसे में यह फैसला शिक्षा जगत के लिए एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है।

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