CG Teacher Attendance: जियो-फेंसिंग से खत्म होगी अटेंडेंस की गड़बड़ी…NV News

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CG Teacher Attendance : अब छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने की पुरानी पद्धति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए मोबाइल ऐप आधारित ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम शुरू किया है। इस व्यवस्था के तहत शिक्षक केवल मोबाइल ऐप के जरिए ही अपनी हाजिरी दर्ज कर सकेंगे। खास बात यह है कि ऐप में जियो-फेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे शिक्षक तभी उपस्थिति दर्ज कर पाएंगे जब वे विद्यालय परिसर के निर्धारित दायरे में मौजूद होंगे। इससे उपस्थिति में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की संभावना पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
पांच जिलों में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत:
फिलहाल यह नई व्यवस्था महासमुंद, बेमेतरा, दंतेवाड़ा, सूरजपुर और रायगढ़ जिलों में लागू की गई है। पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। विभाग ने इसके लिए ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ के तहत विशेष मोबाइल एप विकसित किया है, जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। प्रत्येक शिक्षक के लिए इस ऐप को डाउनलोड कर पंजीयन करना और प्रतिदिन अपनी उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है।
अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार:
ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज होने से शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति का रियल टाइम डेटा उपलब्ध रहेगा। इससे स्कूलों में अनुशासन बढ़ेगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। विभाग का मानना है कि जब शिक्षक समय पर स्कूल में मौजूद रहेंगे तो इसका सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई और परीक्षा परिणामों पर पड़ेगा।
गुजरात मॉडल से प्रेरणा, छत्तीसगढ़ में और उन्नत सिस्टम:
इस नई व्यवस्था को लेकर शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने बताया कि हाल ही में उन्होंने गुजरात का दौरा किया था, जहां मोबाइल ऐप से अटेंडेंस सिस्टम पहले से ही लागू है। हालांकि गुजरात में प्रयुक्त ऐप में जियो-फेंसिंग की सुविधा नहीं थी, जिसके कारण कई बार शिक्षक घर से ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर लेते थे।
छत्तीसगढ़ में इस कमी को दूर करते हुए ऐप को और सुरक्षित व विश्वसनीय बनाया गया है। जियो-फेंसिंग के कारण अब यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षक केवल स्कूल परिसर के अंदर रहते हुए ही अपनी हाजिरी दर्ज कर सकें।
पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी:
स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि इस कदम से पारदर्शिता बढ़ेगी। पहले कई बार ऐसी शिकायतें आती थीं कि कुछ शिक्षक बिना स्कूल पहुंचे ही हाजिरी लगा देते थे। नई प्रणाली लागू होने के बाद ऐसी गड़बड़ियों पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। साथ ही विभाग को भी यह पता चलेगा कि किस शिक्षक ने किस समय अपनी उपस्थिति दर्ज की है।इसके अलावा, ऐप से एकत्रित डेटा का विश्लेषण कर विभाग यह भी जान सकेगा कि किन क्षेत्रों में स्कूलों की उपस्थिति दर कम है और किन स्कूलों को सुधार की आवश्यकता है।
शिक्षकों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश:
• सभी शिक्षकों को अपने स्मार्टफोन पर यह ऐप डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
• उपस्थिति दर्ज करने के लिए मोबाइल का लोकेशन ऑन रहना जरूरी होगा।
• यदि शिक्षक निर्धारित स्कूल सीमा के बाहर होंगे तो ऐप हाजिरी दर्ज नहीं करेगा।
• समय पर उपस्थिति न दर्ज करने पर विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।
• विद्यार्थियों की उपस्थिति भी होगी डिजिटल
इस मोबाइल ऐप के जरिए सिर्फ शिक्षकों ही नहीं बल्कि विद्यार्थियों की उपस्थिति भी दर्ज की जाएगी। इससे यह स्पष्ट रहेगा कि किस दिन कितने विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। विभाग का मानना है कि इस सुविधा से मिड-डे मील, छात्रवृत्ति और अन्य योजनाओं के संचालन में भी पारदर्शिता आएगी, क्योंकि उपस्थिति के सही आंकड़े उपलब्ध होंगे।
भविष्य की योजना:
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद सरकार इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू करेगी। साथ ही ऐप को और बेहतर बनाने के लिए इसमें रिपोर्टिंग फीचर, परफॉर्मेंस एनालिसिस और अन्य डिजिटल सुविधाएं जोड़ी जाएंगी।
छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम न केवल शिक्षकों की जवाबदेही तय करेगा बल्कि शिक्षा प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव साबित होगा। जियो-फेंसिंग तकनीक के इस्तेमाल से अब घर बैठे उपस्थिति दर्ज करने की गड़बड़ियां खत्म होंगी और शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन व गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।
इस व्यवस्था से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा और विद्यार्थी तथा अभिभावक दोनों ही संतुष्ट होंगे।