“CG Suicide Case”:रेबीज मरीज ने लगाई छलांग मौके पर मौत, पढ़िए पूरी खबर…NV News

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CG News: राजधानी रायपुर के सबसे बड़े सरकारी मेकाहारा हॉस्पिटल से सुसाइड केस का मामला सामने आया हैं। जहा एक एडमिट रेबीज मरीज ने हॉस्पिटल के तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान बिलासपुर के तखतपुर क्षेत्र का बताया जा रहा है। वही परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

दरअसल, यह मामला बिलासपुर जिले के तखतपुर क्षेत्र का है। जहा पड़रिया निवासी 28 वर्षीय संतोष ध्रुव को हाल ही में कुत्ते ने काट लिया था।इसके बाद वह रेबीज के इलाज के लिए रायपुर के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल मेकाहारा में भर्ती हुआ था। वही शनिवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब युवक ने हॉस्पिटल के तीसरी मंजिल से छलांग लगा ली,मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वही परिजनों का कहना है कि इलाज के दौरान उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी थी। वह पिछले कुछ दिनों से गहरे तनाव में था और मानसिक रूप से अस्थिर हो गया था।

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर लगाया आरोप:

परिजनों का आरोप है कि इस हालत में भी अस्पताल प्रशासन ने उसकी पर्याप्त निगरानी नहीं की। न तो मानसिक परामर्श उपलब्ध कराया गया और न ही कोई सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई। इसी लापरवाही के चलते युवक ने अस्पताल की तीसरी मंजिल से छलांग लगाई।

घटना के बाद मचा अफरा-तफरी:

अचानक हुई इस घटना से अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद स्टाफ ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेजा, लेकिन 24 घंटे गुजर जाने के बाद भी रिपोर्ट नहीं बन पाई।

वही परिजनों का कहना है कि, पोस्टमार्टम में देरी से वे बेहद परेशान हैं। उनका आरोप है कि अस्पताल और प्रशासन इस घटना को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल:

मामला सामने आने के बाद भी मेकाहारा प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। इससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि मानसिक रूप से अस्थिर मरीजों के लिए अस्पताल में क्या प्रोटोकॉल अपनाए जाते हैं और सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर क्यों रही।

परिजनों की नाराजगी और चेतावनी:

संतोष के परिजनों ने मामले की निष्पक्ष जांच और जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन करेंगे।वही थाना पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

बढ़ रहा है मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल:

इस घटना ने न केवल अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सरकारी अस्पतालों की तैयारी पर भी चिंता जताई है। रेबीज जैसी बीमारी के दौरान मरीज में बेचैनी, डर और मानसिक असंतुलन की संभावना रहती है। ऐसे में समय पर काउंसलिंग और निगरानी न होने से हालात बिगड़ सकते हैं।

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