CG Smart PDS: टेक्नोलॉजी से बदलेगी PDS ! छत्तीसगढ़ में लागू होगा स्मार्ट सिस्टम…NV News
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रायपुर/(CG Smart PDS): छत्तीसगढ़ सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को पूरी तरह डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाने जा रही है। नया साल राज्य में ‘स्मार्ट-PDS’ व्यवस्था का शुभारंभ लेकर आएगा, जिसके बाद राशनकार्डधारकों को ATM कार्ड की तरह अपना कार्ड स्कैन करके किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन लेने की सुविधा मिल जाएगी। खाद्य एवं राजस्व विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने नवा रायपुर स्थित संवाद कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि, यह नई व्यवस्था राज्य में पारदर्शिता और सुविधा दोनों को एक नया स्तर देगी।
किसी भी उचित मूल्य दुकान से मिलेगा राशन:
स्मार्ट-PDS लागू होने के बाद कार्डधारक किसी विशेष दुकान से बंधे नहीं रहेंगे। वे प्रदेश की किसी भी उचित मूल्य दुकान में जाकर अनाज ले सकेंगे। प्रदेश में कुल 6,585 उचित मूल्य दुकानें हैं, जिनमें से कई दुकानें अभी किराये या शासकीय भवनों में संचालित होती हैं। सरकार इन दुकानों के लिए नए भवनों के निर्माण हेतु बजट जारी कर चुकी है। साथ ही ऑफलाइन दुकानों को चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ा जा रहा है।
दूरस्थ इलाकों में भी मिल रही विशेष सुविधा:
बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जिलों के 402 दुर्गम ग्रामों में 42,220 परिवारों को चावल, चना, नमक, शक्कर और गुड़ निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। इन क्षेत्रों में 18 नई उचित मूल्य दुकानों को स्वीकृति भी मिल चुकी है, ताकि लोगों को दूर जाने की ज़रूरत न पड़े।
38 लाख महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन:
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब तक राज्य की 38 लाख महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिल चुके हैं। 2025 में भी नए कनेक्शन जारी किए जा रहे हैं। स्मार्ट-PDS लागू होने के बाद सप्लाई चेन, स्टॉक प्रबंधन, और वितरण प्रक्रिया पूरी तरह केंद्रीकृत और रियल-टाइम ऑनलाइन मॉनिटरिंग में रहेगी। शिकायतों की निगरानी के लिए लाल, पीला और हरा अलर्ट सिस्टम भी शुरू कर दिया गया है, जिससे गाड़ियों की ट्रैकिंग और अनियमितताओं पर तुरंत कार्रवाई संभव हो सकेगी। वर्तमान में 11 लाख नए परिवारों के जुड़ने के बाद PDS से 82 लाख सदस्य लाभान्वित हो रहे हैं।
राजस्व विभाग में लंबित मामलों की स्थिति:
सचिव कंगाले ने बताया कि, नामांतरण, सीमांकन और विभाजन से जुड़े 52,908 प्रकरण अभी लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक मामले दुर्ग संभाग के हैं, जहां 7,438 प्रकरण अभी भी पेंडिंग हैं। सरगुजा में 5,000 और बिलासपुर संभाग में लगभग 2,000 मामले लंबित हैं। ई-राजस्व प्रणाली के आने के बाद अनावश्यक पेशियों में कमी आई है और मामलों की नियमित समीक्षा की जा रही है।
धान खरीदी में बढ़ी पारदर्शिता:
धान उपार्जन की जानकारी देते हुए सचिव ने बताया कि,अब तक 25 लाख 49 हजार किसानों से धान खरीदा जा चुका है। किसानों को कुल 34,348 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है। सरकार ने इस वर्ष धान खरीदी की सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ से बढ़ाकर 21 क्विंटल कर किसानों को राहत प्रदान की है। इस बार 26 लाख 49 हजार किसान पंजीकृत हैं। अभी तक एक लाख 17 हजार 500 किसानों से 77 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है और 1,150 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ‘तुम्हार टोकन योजना’ के तहत तीन हजार टोकन जारी किए गए हैं।
ऑनलाइन सेवाओं से आम जनता को राहत:
राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कंगाले ने बताया कि अब खसरा, बी-1, डिजिटल साइन, नामांतरण और डायवर्सन जैसी सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं। इससे लोगों के समय और संसाधनों की बचत हो रही है। 15,900 गांवों में 10 लाख लोगों को भूमि पट्टा वितरण की तैयारी की जा रही है।
भुइंया एप के माध्यम से जमीन के रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध हैं। आपदा प्रभावितों को पिछले दो वर्षों में 321 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। वहीं, आपदा मित्र योजना के तहत तीन हजार युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
सरकार का लक्ष्य आने वाले तीन वर्षों में पूरी तरह डिजिटल, जवाबदेह और पारदर्शी प्रशासनिक प्रणाली स्थापित करना है। स्मार्ट-PDS इसका महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा, जिससे राज्य में खाद्य सुरक्षा और नागरिक सुविधा दोनों में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेंगे।
