CG Scam News: ESAF बैंक में ₹85 लाख का घोटाला, 6 कर्मचारी पकड़े गए, 4 फरार…NV News
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दुर्ग/(CG Scam News): छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ESAF स्माल फाइनेंस बैंक में करोड़ों के कर्ज वितरण से जुड़ा बड़ा गबन मामला सामने आया है, जिसने बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बैंक की पुलगांव शाखा में कार्यरत कर्मचारियों ने ग्राहकों से वसूली गई लोन किश्तों को बैंक में जमा नहीं किया और करीब 13 महीनों तक यह रकम चुपचाप अपने निजी उपयोग में खर्च करते रहे। कुल मिलाकर 240 ग्राहकों से वसूले गए लगभग 85 लाख रुपये कर्मचारियों द्वारा गबन किए गए, जिसके बाद बैंक प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं चार और कर्मचारी अभी फरार बताए जा रहे हैं।
दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब कई ग्राहकों को बैंक की ओर से बकाया किस्तों की सूचना मिलने लगी। ग्राहकों का कहना था कि, वे समय पर बैंक कर्मचारियों को किश्तें दे रहे थे। इस पर बैंक प्रबंधन ने क्रॉस-वेरिफिकेशन शुरू की।
क्षेत्रीय प्रबंधक मोहित देशमुख ने जब भुगतान की रसीदों और बैंक रिकॉर्ड का मिलान कराया, तो बड़ी विसंगतियाँ सामने आईं। बड़ी संख्या में ग्राहकों से किस्तें वसूली गई थीं, लेकिन वह राशि बैंक के खातों में जमा ही नहीं हुई थी।
जांच गहराने पर पता चला कि, 24 मई 2024 से 24 जून 2025 के बीच कुल ₹84,98,940 राशि नियमित रूप से ग्राहकों से वसूली गई, लेकिन कर्मचारियों ने इसे बैंक में जमा न कर निजी खर्चों में लगा दिया।
इन कर्मचारियों ने की रकम की हेराफेरी:
पुलिस जांच में सामने आया कि, कुल 10 कर्मचारी इसमें शामिल थे। इनमें से 6 को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 4 अब भी फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं-
1.टीकाराम पाटले (35), निवासी लोरमी, जिला मुंगेली।
2.आकाश नायक (30), निवासी बसना, जिला महासमुंद।
3.ओम प्रकाश कोसरे (21), निवासी बजरंग नगर, उरला।
4.आर्या गोस्वामी (25), निवासी दल्लीराजहरा, जिला बालोद।
5.रेशमा वर्मा (25), निवासी आदित्य नगर, दुर्ग।
6.अंकिता पासवान (22), निवासी कोसा नगर, सुपेला।
इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (लोकसेवक द्वारा संपत्ति का दुरुपयोग) और 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ग्राहकों को किस तरह दिया गया धोखा:
ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लोन वसूली का अधिकांश काम फील्ड कर्मचारी ही करते हैं। बैंक के अनुसार, ये कर्मचारी ग्राहकों से संपर्क कर नकद या डिजिटल माध्यम से किश्तें लेते थे,और रसीद भी जारी करते थे।
ग्राहक रसीद मिलने के कारण आश्वस्त रहते थे कि, उनका भुगतान सही जगह जमा हो गया है। मगर बैंक के सिस्टम में वह राशि प्रतिबिंबित नहीं हो रही थी।जब शिकायतें बढ़ीं, तब संदेह गहराया और फील्ड वसूली डेटा की विशेष ऑडिट कराई गई। इसी दौरान यह बड़ा घोटाला पकड़ में आया।
पुलगांव पुलिस ने बताया कि, आरोपियों ने मिलकर सुनियोजित तरीके से राशि को हड़पने की योजना बनाई थी। प्रारंभिक जांच में कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि,उन्होंने रकम व्यक्तिगत खर्चों, देनदारियों और अन्य उपयोगों में लगा दी थी। पुलिस अब फरार चार कर्मचारियों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है।और यह भी जांच की जा रही है कि, क्या इस घोटाले में किसी उच्च अधिकारी की भी संलिप्तता थी।
बैंक ने बढ़ाई निगरानी, ग्राहकों से अपील:
ESAF बैंक प्रबंधन ने कहा है कि, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शाखा स्तर पर सुरक्षा और वेरिफिकेशन प्रक्रियाओं को और मजबूत किया जा रहा है। बैंक ने ग्राहकों से अपील की है कि, वे भविष्य में किसी भी तरह का भुगतान सीधे शाखा में या आधिकारिक डिजिटल माध्यमों से करें और रसीद की पुष्टि अवश्य करें।
इस घटना ने 240 से अधिक ग्राहकों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डाला है। हालांकि बैंक ने स्पष्ट कहा है कि, ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं डाला जाएगा और उनकी किश्तों को वैध माना जाएगा। फिलहाल पुलिस आगे कि कार्रवाई में जुटी है और जल्द ही फरार चारों आरोपितों को गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।
