CG Recruitment Scam: भ्रष्टाचार की शिकायतों पर भर्ती प्रक्रिया ठप…NV News

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रायपुर/(CG Recruitment Scam): इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में 60 से अधिक पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया को छत्तीसगढ़ राजभवन ने अचानक रोक दिया है। सोमवार देर रात राजभवन से विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र भेजकर मंगलवार से शुरू होने वाले साक्षात्कार को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल को राजभवन तलब किया गया।
सूत्रों के अनुसार, यह कदम भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी और लेन-देन की शिकायतों के बाद उठाया गया है। राजभवन को कुछ प्रमाण भी प्रस्तुत किए गए थे, जिसके बाद तत्काल रोक लगाने का निर्णय लिया गया। इससे मंगलवार सुबह साक्षात्कार देने पहुंचे अभ्यर्थियों को निराश होकर लौटना पड़ा।
60 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होने वाली थी:
विश्वविद्यालय में विभिन्न श्रेणियों के 60 से अधिक पदों के लिए साक्षात्कार की तैयारी थी। इन पदों में 18 सहायक प्राध्यापक, 37 विषय विशेषज्ञ (कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए), 8 फार्म मैनेजर, 7 प्रोग्राम असिस्टेंट, तथा ड्राइवर, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्यून जैसे पद शामिल थे। इसके अलावा बैकलॉग श्रेणी के 12 पद और खाद्य कॉलेज के लिए 6 पदों पर भी भर्ती प्रस्तावित थी।
साक्षात्कार 10 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक चलने वाले थे। कई अभ्यर्थी राज्य के विभिन्न जिलों से रायपुर पहुंचे थे। लेकिन मंगलवार सुबह उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सूचना दी गई कि साक्षात्कार स्थगित कर दिए गए हैं।
कुलाधिपति कार्यालय और विवि प्रशासन के बीच खींचतान:
भर्ती प्रक्रिया को लेकर पिछले कई दिनों से कुलाधिपति कार्यालय (राजभवन) और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच मतभेद चल रहे थे। राजभवन चाहता था कि उसका एक प्रतिनिधि साक्षात्कार बोर्ड में शामिल हो। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे नियमों के विपरीत बताते हुए आपत्ति जताई।
जानकारी के मुताबिक, कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल और राजभवन अधिकारियों के बीच इस मुद्दे पर कई दौर की चर्चा हो चुकी थी। कुछ दिन पहले कुलाधिपति भी विश्वविद्यालय प्रशासन के पक्ष से सहमत हो गए थे। बावजूद इसके राजभवन का दबाव जारी रहा।
रविवार को भी कुलपति को तलब किया गया था, लेकिन उनके भाई की गंभीर अस्वस्थता और सोमवार को निधन के कारण वे उपस्थित नहीं हो सके। इसके बाद सोमवार रात करीब 8 बजे राजभवन ने पत्र भेजकर साक्षात्कार स्थगित करने का आदेश दे दिया।
भ्रष्टाचार और लेन-देन की शिकायतों पर कार्रवाई:
भर्ती प्रक्रिया को लेकर राजभवन को लगातार लेन-देन और अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। कुछ अभ्यर्थियों ने सीधे प्रमाण भी प्रस्तुत किए थे। इन्हीं शिकायतों को आधार बनाकर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया।
राजभवन का मानना है कि जब तक शिकायतों की जांच पूरी नहीं होती, तब तक चयन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जानी चाहिए।
अभ्यर्थियों की निराशा, विवि ने दी सफाई:
साक्षात्कार के पहले ही दिन प्रक्रिया रुक जाने से दूर-दूर से पहुंचे अभ्यर्थियों को भारी निराशा हाथ लगी। कई उम्मीदवारों ने कहा कि उन्हें अचानक स्थगन की सूचना मिली, जिससे समय और धन दोनों की हानि हुई।
वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि अभी भर्ती प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में थी। चयन की प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई थी, इसलिए गड़बड़ी के आरोपों को साबित करना जल्दबाजी होगी। कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही नए सिरे से साक्षात्कार की तिथियां घोषित की जाएंगी।
क्या है विवाद की जड़:
• राजभवन का दबाव: साक्षात्कार बोर्ड में अपना प्रतिनिधि शामिल करने की मांग।
• विवि की आपत्ति: नियमों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होने का तर्क।
• शिकायतें: भर्ती प्रक्रिया में कथित लेन-देन और गड़बड़ी की जानकारी राजभवन तक पहुंची।
• नतीजा: साक्षात्कार स्थगित, कुलपति तलब, अभ्यर्थियों की परेशानी।
आगे क्या?:
राजभवन द्वारा गठित जांच टीम जल्द ही भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी शिकायतों की समीक्षा करेगी। इसके बाद ही यह तय होगा कि साक्षात्कार कब और कैसे आयोजित होंगे। तब तक अभ्यर्थियों को इंतजार करना होगा।
इस विवाद के कारण न केवल अभ्यर्थियों की तैयारियों पर असर पड़ा है, बल्कि कृषि विश्वविद्यालय की साख भी दांव पर लग गई है। फिलहाल सभी की निगाहें राजभवन और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच होने वाले अगले फैसले पर टिकी हैं।