CG Ration Card Scam: नाबालिग और निष्क्रिय आधार से बने फर्जी कार्ड, e-KYC पर उठे सवाल…NV News

Share this
रायपुर/(CG Ration Card Scam): छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। खाद्य विभाग की हालिया जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच में पता चला कि नाबालिगों और 110 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों के नाम पर हजारों राशन कार्ड जारी किए गए हैं। इतना ही नहीं, डुप्लीकेट और निष्क्रिय आधार कार्ड का इस्तेमाल कर भी फर्जी कार्ड बनवाए गए हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
नाबालिगों के नाम पर अलग राशन कार्ड:
जांच में खुलासा हुआ कि कई परिवारों में मां और नाबालिग बेटी के नाम पर अलग-अलग राशन कार्ड जारी कर दिए गए। नियमों के मुताबिक 18 साल से कम उम्र के बच्चों का अलग राशन कार्ड नहीं बन सकता, लेकिन प्रदेशभर में 1,800 से ज्यादा नाबालिगों के नाम पर व्यक्तिगत कार्ड जारी किए गए। इससे सालों से अवैध रूप से राशन की निकासी होती रही।
110 साल से अधिक उम्र के ‘सदस्य’:
घोटाले का एक और बड़ा पहलू यह है कि राज्यभर में 1,806 राशन कार्ड धारकों की उम्र 110 साल से अधिक दर्ज है। इन कार्डों के जरिए वर्षों से न केवल राशन लिया जा रहा है, बल्कि कई मामलों में स्वास्थ्य और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठाया गया।सबसे ज्यादा फर्जी उम्र वाले कार्ड बिलासपुर, सरगुजा, जशपुर और सक्ती जिलों में पाए गए हैं।
डुप्लीकेट आधार नंबर का खेल:
खाद्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, हजारों लोगों ने डुप्लीकेट आधार नंबर का इस्तेमाल कर अलग-अलग जिलों में राशन कार्ड बनवा लिए। प्रदेशभर में ऐसे 86,000 से अधिक कार्ड मिले हैं।
• रायपुर: 18,000+
• दुर्ग: 8,809
• सरगुजा: 4,776
• जशपुर: 3,764
• राजनांदगांव: 3,551
• कोरबा: 3,129
विभागीय सूत्रों का मानना है कि शहरी क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या और तेज पंजीयन प्रक्रिया इस गड़बड़ी के मुख्य कारण हो सकते हैं।
निष्क्रिय आधार से राशन की निकासी:
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 1,05,590 ऐसे कार्ड बनाए गए, जिनमें धारकों के आधार नंबर निष्क्रिय हैं। इन कार्डों के माध्यम से लगातार राशन उठाया जा रहा था।
• रायपुर: 9,356
• कवर्धा: 8,701
• बिलासपुर: 5,841
• जशपुर: 5,681
इसके अलावा, 83,872 सदस्य ऐसे पाए गए जिन्होंने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराई है। आशंका है कि इनमें से कई लोग अन्य जिलों या राज्यों में पहले से पंजीकृत हो सकते हैं।
46 लाख सदस्य बिना ई-केवाईसी(e-KYC):
प्रदेश में कुल 2.73 करोड़ राशन कार्डधारी सदस्य हैं, जिनमें से 2.27 करोड़ का ई-केवाईसी हो चुका है, जबकि 46.34 लाख सदस्य अभी भी इस प्रक्रिया से बाहर हैं। वही खाद्य विभाग ने साफ निर्देश दिए हैं कि पांच साल से अधिक उम्र के सभी लाभार्थियों का ई-केवाईसी तुरंत कराया जाए। इसके लिए “मेरा ई-केवाईसी” मोबाइल ऐप का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है।
नए नियम: 6 माह तक राशन नहीं लेने पर कार्ड निरस्त:
विभाग ने नया प्रावधान जोड़ा है कि यदि कोई लाभार्थी लगातार छह माह तक राशन नहीं लेता है, तो उसका कार्ड अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाएगा। कार्ड को पुनः सक्रिय करने के लिए तीन माह के भीतर सत्यापन और ई-केवाईसी कराना जरूरी होगा।
कड़ी कार्रवाई के संकेत:
खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि सभी जिलों के कलेक्टरों को फर्जी कार्डों की भौतिक जांच (Physical Verification) के निर्देश दिए गए हैं। जिन कार्डों के जरिए सालों तक अवैध रूप से राशन उठाया गया है, उनकी वसूली की जाएगी।साथ ही, जिन अधिकारियों और राशन दुकानों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।
यह घोटाला न केवल सरकारी व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि तकनीकी लापरवाही से कितने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार फैल सकता है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह गड़बड़ी राज्य की अर्थव्यवस्था और जरूरतमंदों दोनों पर भारी पड़ेगी।