“CG Political’s”:सिर्फ नाम की राजनीति नहीं चलेगी,ECI की सख्त कार्रवाई…NV News

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NV News :भारतीय लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है, लेकिन जो दल वर्षों से चुनावी मैदान से गायब हैं, उन पर अब केंद्रीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने बड़ी कार्रवाई की है। चुनाव आयोग ने देशभर में 334 पंजीकृत, लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (Unrecognised political parties) का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इनमें छत्तीसगढ़ की 9 पार्टियां भी शामिल हैं।

6 साल से चुनावी मैदान से बाहर हैं,ये पार्टियां:

ECI के मुताबिक, इन दलों ने 2019 से लेकर अब तक, यानी पिछले छह वर्षों में किसी भी चुनाव,चाहे लोकसभा हो, विधानसभा या स्थानीय निकाय में भी भाग नहीं लिया। इसके बावजूद, ये पंजीकृत राजनीतिक दल होने के चलते आयकर छूट और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे। आयोग ने ऐसे दलों को “निष्क्रिय” घोषित कर दिया और रजिस्ट्रेशन रद्द करने का फैसला सुनाया।

अपील का मौका अब भी मौजूद:

निर्वाचन आयोग (election commission) के आदेश के मुताबिक, जिन दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है, उन्हें 30 दिनों का समय दिया गया है। इस अवधि में वे आयोग के समक्ष अपील दायर कर अपना पक्ष रख सकते हैं। यदि वे संतोषजनक कारण प्रस्तुत कर पाते हैं, तो रजिस्ट्रेशन बहाल भी हो सकता है।

छत्तीसगढ़ की 9 पार्टियां हुई बाहर:

इस कार्रवाई में छत्तीसगढ़ की 9 राजनीतिक पार्टियों का पंजीकरण रद्द (Cancellation of registration of political parties) किया गया है-

1.छत्तीसगढ़ एकता पार्टी

2.छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा

3.छत्तीसगढ़ समाजवादी पार्टी

4.छत्तीसगढ़ संयुक्त जातीय पार्टी

5.छत्तीसगढ़ विकास पार्टी

6.पृथक बस्तर राज्य पार्टी

7.राष्ट्रीय आदिवासी बहुजन पार्टी

8.राष्ट्रीय मानव एकता पार्टी

9.राष्ट्रीय समाजवादी स्वाभिमान मंच

देश में अब सिर्फ 6 राष्ट्रीय और 67 क्षेत्रीय दल (National & Regional parties):

रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद देश में अब केवल 6 राष्ट्रीय दल और 67 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल(6 National & 67 Regional parties)बचे हैं, जो चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय हैं।

ECI का उद्देश्य,राजनीति को स्वच्छ और सक्रिय रखना:

निर्वाचन आयोग का कहना है कि यह कदम राजनीतिक व्यवस्था को स्वच्छ, पारदर्शी और सक्रिय बनाए रखने के लिए उठाया गया है। आयोग ने पिछले कुछ महीनों में निष्क्रिय दलों (Inactive parties) की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया था, जिसमें ऐसे दलों को चिन्हित किया गया जो केवल नाम के लिए पंजीकृत थे, लेकिन जनता से जुड़ी चुनावी गतिविधियों में शामिल नहीं थे।

आयोग का बयान:

हमारा उद्देश्य है कि राजनीतिक दल सिर्फ कागजों पर मौजूद न रहें, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय योगदान दें। जो दल लंबे समय तक चुनावी राजनीति से दूर रहते हैं, उनका पंजीकरण बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है।

कर छूट (Tax Exemption) और सुविधाओं का दुरुपयोग:

पंजीकृत राजनीतिक दलों को आयकर अधिनियम के तहत कई वित्तीय छूट मिलती है, जैसे दान पर टैक्स छूट और कुछ अन्य आर्थिक लाभ। लेकिन जब ये दल जनता के बीच काम ही नहीं कर रहे, तब इन सुविधाओं का लाभ उठाना नियम और लोकतांत्रिक भावना- दोनों के खिलाफ है।

आम जनता को इस कार्रवाई से विकल्प चुनने में आसान:

इस कार्रवाई से आम मतदाता को यह संदेश जाता है कि निर्वाचन आयोग केवल गंभीर और सक्रिय दलों को ही चुनावी प्रक्रिया में मान्यता देगा। इससे राजनीतिक व्यवस्था में अनावश्यक भीड़ कम होगी और मतदाताओं के सामने साफ-सुथरा विकल्प रहेगा।

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